धर्मस्थल से 2012 में लापता किशोरी के भाई पहुंचे एसआईटी,मामला दर्ज
इन्दु राजकुमार
- 15 Aug 2025, 08:59 PM
- Updated: 08:59 PM
मंगलुरु (कर्नाटक), 15 अगस्त (भाषा) कर्नाटक में धर्मस्थल से 13 वर्ष पूर्व अचानक गायब हुई अपनी 17 वर्षीया बहन हेमलता के मामले को लेकर नितिन और नितेश नामक दो भाइयों ने ऐसे मामलों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से संपर्क किया।
दोनों भाइयों ने अपनी शिकायत पुलिस में दर्ज कराने के बाद मीडिया से बातचीत में यहां बृहस्पतिवार को बताया कि उनकी बहन हेमलता 2012 में धर्मस्थल आयी थी जिसके बाद वह अचानक लापता हो गई थी और फिर कभी घर नहीं लौटी।
राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) पिछले तीन दशकों में धर्मस्थल के विभिन्न स्थानों पर हुई अनेक संदिग्ध हत्याओं, बलात्कार और शवों को दफनाने के आरोपों की जांच कर रहा है। यह जांच सबसे पहले एक पूर्व स्वच्छता कर्मचारी की शिकायत के आधार पर शुरू हुई थी जिसकी पहचान गोपनीय रखी गई है।
अपनी शिकायत दर्ज कराने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नितिन ने कहा, ‘‘13 साल हो गए हैं और उनकी बहन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जब हमें पता चला कि एसआईटी धर्मस्थल से लापता व्यक्तियों के बारे में जानकारी एकत्र कर रही है तो हमने भी इस मामले की शिकायत करने का फैसला किया।’’
उन्होंने बताया कि उनकी बहन हेमलता उस समय 17 वर्ष की थी और बंटवाल तालुक के कवलमूडूरु गांव की निवासी थी। उन्होंने कहा कि एक महिला पड़ोसी के साथ वह धर्मस्थल गई थी लेकिन वह कभी वापस नहीं आई।
नितिन का कहना है कि कि जब उनकी बहन के साथ धर्मस्थल गयी दूसरी महिला से पूछताछ की गई तो उसने उनकी बहन के साथ धर्मस्थल जाने की बात से ही इनकार कर दिया।
दोनों भाइयों ने पहले भी पुंजालकट्टे पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी और वर्षों तक वहां पूछताछ करते रहे लेकिन मामला अनसुलझा रहा । आज तक उनकी बहन का कोई अता-पता नहीं चल सका।
नितिन के अनुसार उनकी बहन आठवीं कक्षा तक पढ़ी थी और उसके बाद घर पर मां का हाथ बंटाती थी। उसके पास कोई मोबाइल फोन नहीं था।
नितिन ने कहा कि उन्होंने हर संभव तरीके से खोजबीन की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
उन्होंने बताया कि ऐसे मामलो की जांच के लिए गठित एसआईटी से उम्मीद बंधी है और उसी के चलते वह एसआईटी में अपने बहन के गायब होने की शिकायत दर्ज कराने पहुंचे हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें दृढ़ विश्वास है कि उनकी बहन के साथ गई महिला से सख्ती से पूछताछ करने पर आज भी सच्चाई सामने आ सकती है।
इससे पूर्व धर्मस्थल गांव में विशेष जांच दल ने बृहस्पतिवार को शिकायतकर्ता द्वारा पहचानी गई एक नई जगह पर तलाशी की।
विशेष जांच दल के अधिकारी शिकायतकर्ता के साथ कन्यादी में द्वाराकाश्रम गेट के परिसर के अंदर तलाशी के लिए पहुंचे। बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता ने पहले कहा था कि इस इलाके में नेत्रावती नदी के किनारे शवों को दफनाया गया था।
चूंकि यह स्थान एक निजी संपत्ति के अंदर है, इसलिए एसआईटी ने संबंधित व्यक्तियों को मौके पर बुलाया और प्रवेश की अनुमति ली। संपत्ति का गेट बंद होने के कारण एस्टेट के रखरखाव के प्रभारी प्रबंधक को इसे खोलने के लिए बुलाना पड़ा। हालांकि एसआईटी द्वारा पहले से सूचित नहीं किए जाने के कारण ‘केयरटेकर’ मौके पर मौजूद नहीं था जिससे टीम को उसके आने तक एक घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा।
‘केयरटेकर’ द्वारा गेट की चाबी लाकर ताला खोलने के बाद एसआईटी उस स्थान पर पहुंची जहां पर गुप्त पहचान के शिकायकर्ता ने शवों को दफनाने की बात बतायी थी।
यह पूरा मामला तब सामने आया जब एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने दावा किया कि उसे 1995 एवं 2014 के बीच दर्जनों महिलाओं और नाबालिगों के क्षत-विक्षत शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था। इस दावे के बाद कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया था।
एसआईटी अब तक 13 संदिग्ध स्थलों पर खुदाई का काम पूरा कर चुकी है और कुछ जगहों से नर कंकाल के अवशेष भी मिले हैं।
इस मामले ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है और गांव में तनाव का माहौल है।प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इलाके में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की है।
भाषा इन्दु