हिमाचल प्रदेश: सुक्खू ने आपदा राहत के लिए 100 करोड़ रुपये जारी करने की घोषणा की
देवेंद्र सुरेश
- 15 Aug 2025, 09:30 PM
- Updated: 09:30 PM
शिमला, 15 अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत प्रदान करने के लिए अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये जारी करने की शुक्रवार को घोषणा की।
सुक्खू ने मंडी जिले के सरकाघाट में राज्य-स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ध्वजारोहण किया।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में आपदाओं के जोखिम को कम करने और आजीविका की सुरक्षा के लिए 3,000 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू करने की भी घोषणा की।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश पर जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि लगातार प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य में जानमाल का भारी नुकसान हुआ है।
वर्ष 2023 की आपदा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अपने आकलन में 10,000 करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान लगाने के बावजूद, राज्य को केवल 1,500 करोड़ रुपये मिले; वह भी दो साल के इंतजार के बाद।
सुक्खू ने कहा कि इस साल की आपदाओं से एक बार फिर भारी नुकसान हुआ है, खासकर मंडी जिले में। उन्होंने दावा किया कि राज्य को अभी तक केंद्र से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए अपने संसाधनों से 360.42 करोड़ रुपये पहले ही वितरित कर दिए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र जल्द ही वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने मादक पदार्थों के खतरे को लेकर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि सरकार युवाओं को चिट्टे (हेरोइन) से बचाने के लिए प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने पुलिस भर्ती में चिट्टा परीक्षण अनिवार्य कर दिया है।’’
उन्होंने नशा मुक्ति रोकथाम और पुनर्वास बोर्ड के गठन की भी घोषणा की, जिसमें गृह, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और अधिकारिता, शिक्षा, युवा सेवाएं और खेल, पंचायती राज और जेल विभागों के विशेषज्ञों के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठन और सामाजिक वैज्ञानिक शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह बोर्ड मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने, नशे की लत में फंसे युवाओं का नशामुक्ति और पुनर्वास सुनिश्चित करने तथा उन्हें समाज की मुख्यधारा में पुनः शामिल करने के लिए काम करेगा। इसके लिए नीति आयोग, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान और स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से एक कार्य योजना तैयार करेंगे।’’
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए निरंतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल में अकेले सरकारी क्षेत्र में 23,191 युवाओं को नौकरियां दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड को इसलिए भंग कर दिया, क्योंकि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान बोर्ड में नौकरियां बेची गई थीं। उन्होंने कहा कि इसके स्थान पर राज्य चयन आयोग का गठन किया गया है, जो पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित करेगा।
भाषा देवेंद्र