महाराष्ट्र सरकार का 1987 का आदेश सुझाव था, निर्देश नहीं: मांस प्रतिबंध पर आव्हाड
शुभम माधव
- 15 Aug 2025, 09:43 PM
- Updated: 09:43 PM
मुंबई, 15 अगस्त (भाषा) राकांपा (शरदचंद्र पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने शुक्रवार को कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर राज्य के कई हिस्सों में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध के संबंध में वर्तमान सरकार द्वारा उद्धृत किया जा रहा 1987 का महाराष्ट्र सरकार का आदेश महज सुझाव था, निर्देश नहीं।
भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस पर बूचड़खाने बंद रखने की नीति पहली बार 1987 में लागू की गई थी, जब राकांपा (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे।
कल्याण के एक होटल (जहां नगर निगम के इस कदम के विरोध में मांस परोसा गया था) में पत्रकारों से बात करते हुए आव्हाड ने कहा, "मेरे पास 1987 के सरकारी प्रस्ताव की एक प्रति है, जिसका पिछले कुछ दिनों में सभी ने हवाला दिया है। कोई इसे पढ़कर मुझे बताए कि स्वतंत्रता दिवस पर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध के बारे में उसमें कहां लिखा है। यह एक सुझाव था, तत्कालीन सरकार का कोई फैसला नहीं।"
उन्होंने सवाल किया कि कल्याण-डोंबिवली नगर निगम ने ऐसा फैसला क्यों लिया, लेकिन ठाणे नगर निगम या बृहन्मुंबई नगर निगम ने ऐसा फैसला क्यों नहीं लिया।
महाराष्ट्र के विभिन्न नगर निगमों, जिनमें कल्याण-डोंबिवली (ठाणे जिले में), नागपुर, नासिक, मालेगांव और छत्रपति संभाजीनगर शामिल हैं, ने 15 अगस्त को अपने अधिकार क्षेत्र में बूचड़खानों और मांस की दुकानों को बंद करने का निर्देश जारी किया है।
आव्हाड ने आगे कहा, "सरकारी आदेश सिर्फ स्वतंत्रता दिवस पर बूचड़खाने बंद रखने के बारे में है। हम इसे स्वीकार कर सकते हैं, लेकिन मांस की बिक्री पर प्रतिबंध क्यों? प्रशासन शाकाहारियों और मांसाहारियों के बीच भेद पैदा करने पर आमादा है। सरकारी आदेश में पशु की बात कही गई है, लेकिन मुर्गा पक्षी है। मैं यह स्वीकार नहीं करूंगा कि सरकार पशु और पक्षी के बीच का अंतर नहीं समझती।"
उन्होंने कहा कि अनावश्यक कारणों के साथ-साथ भाषा, धर्म और क्षेत्रों को लेकर भी संघर्ष पैदा किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केडीएमसी आयुक्त को ऐसे अनुचित मामलों पर समय बर्बाद करने के बजाय सड़कों की स्थिति में सुधार करना चाहिए।
आव्हाड ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी उनकी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं के घर गए और उन्हें मांस प्रतिबंध विरोध प्रदर्शन में शामिल न होने की चेतावनी दी। उन्होंने सवाल किया, "क्या हमारे कार्यकर्ता किसी तरह के आतंकवादी हैं?"
उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं ने मांस की बिक्री और खपत पर केडीएमसी के आदेश का पालन नहीं करने का संकल्प लिया है और "अनावश्यक प्रतिबंधों" के खिलाफ एकता दिखाने के लिए कल्याण में बैठक की।
महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे ने इस विरोध प्रदर्शन की निंदा की।
राणे ने संवाददाताओं से कहा, "आज स्वतंत्रता दिवस है और साथ ही हिंदुओं के लिए भी यह एक शुभ दिन है। जो लोग आज मांसाहारी भोजन करना चाहते हैं, वे खुलेआम हिंदू भावनाओं का अनादर कर रहे हैं।"
राणे ने कहा, "यदि ऐसे लोग हिंदू रीति-रिवाजों का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें खुद को हिंदू कहना बंद कर देना चाहिए और इसके बजाय अन्य धर्मों के नाम अपना लेने चाहिए। उन्हें घोषणा करनी चाहिए कि उनका हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।"
भाषा
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