विपक्षी दलों ने 'साम, दाम, दंड, भेद' वाली टिप्पणी को लेकर मनीष सिसोदिया पर साधा निशाना
आशीष माधव
- 16 Aug 2025, 08:30 PM
- Updated: 08:30 PM
चंडीगढ़, 16 अगस्त (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया 2027 के विधानसभा चुनावों के बारे में अपनी कथित ‘साम, दाम, दंड, भेद’ टिप्पणी के लिए पंजाब में विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर इस मामले में आप नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
विपक्षी दलों ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री पर "किसी भी तरह" चुनाव जीतने की वकालत करने और "अलोकतांत्रिक तरीकों को बढ़ावा देने" का आरोप लगाया।
विपक्षी नेताओं ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो क्लिप भी पोस्ट किया, जिसमें 13 अगस्त को आप की महिला इकाई के नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सिसोदिया को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया है कि "2027 के चुनाव जीतने के लिए साम, दाम, दंड, भेद, सच, झूठ, सवाल, जवाब, लड़ाई, झगड़ा, जो करना पड़ेगा, करेंगे। तैयार हैं?"
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।
जाखड़ ने शनिवार को निर्वाचन आयोग को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया कि वीडियो में आप नेता किसी भी तरह चुनाव जीतने की वकालत कर रहे हैं, जिससे अलोकतांत्रिक तरीकों को बढ़ावा मिल रहा है और कानून का उल्लंघन हो रहा है।
जाखड़ ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस से पहले, सिसोदिया ने एक भाषण दिया जिसमें उन्होंने 2027 पंजाब चुनाव जीतने के लिए "साम, दाम, दंड, भेद ..." का इस्तेमाल करने का उल्लेख किया।
भाजपा नेता ने कहा, "ये टिप्पणियां राज्य की शांति, विकास और समृद्धि के लिए ख़तरा हैं। ये भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने, मतदाताओं को धमकाने, शत्रुता भड़काने और सार्वजनिक शांति भंग करने की आप की स्पष्ट मंशा का प्रमाण हैं।"
जाखड़ ने कहा, "ये कृत्य जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत गंभीर अपराध, (भारतीय न्याय संहिता की) धारा 123(1) के तहत रिश्वतखोरी, धारा 123(2) के तहत अनुचित प्रभाव डालने और धारा 123(3ए) के तहत दुश्मनी को बढ़ावा देने वाला है।"
उन्होंने पत्र में कहा कि इस तरह के व्यवहार को "भ्रष्ट आचरण" माना जाता है और इसके लिए उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।
जाखड़ ने कहा, "ये कृत्य संविधान का भी उल्लंघन करते हैं, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों और अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत नागरिकों को प्राप्त लोकतांत्रिक अधिकारों को कमज़ोर करते हैं।"
भाजपा नेता ने निर्वाचन आयोग से मामले का तत्काल संज्ञान लेने, त्वरित जांच शुरू करने और सिसोदिया तथा आप की पंजाब इकाई के खिलाफ "भ्रष्ट, असंवैधानिक और अवैध तरीकों" से चुनाव जीतने की कथित खुली घोषणा के लिए सख्त दंडात्मक और कानूनी कार्रवाई करने की अपील की।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी निर्वाचन आयोग से सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की।
बादल ने कहा कि सिसोदिया की टिप्पणी आप कार्यकर्ताओं को "2027 के विधानसभा चुनाव जीतने के लिए झूठ, झूठे वादे, मतदाताओं को प्रलोभन देने और यहां तक कि हिंसा" करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
बादल ने कहा, "निर्वाचन आयोग से अनुरोध है कि वह सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दे, क्योंकि आप नीत सरकार द्वारा कोई कार्रवाई करने की संभावना नहीं है। जब सिसोदिया ने भड़काऊ टिप्पणी की, तब मुख्यमंत्री भगवंत मान भी श्रोताओं में शामिल थे।"
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी सिसोदिया पर निशाना साधा। बाजवा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "जब सिसोसिया खुले तौर पर घोषणा करते हैं कि वे 2027 का चुनाव किसी भी कीमत पर जीतने के लिए 'साम, दाम, दंड, भेद, सच, झूठ और यहां तक कि हिंसा' का इस्तेमाल करेंगे, तो यह कोई रणनीति नहीं - यह लोकतंत्र को नष्ट करने के इरादे की स्वीकारोक्ति है।’’
भाषा आशीष