आवारा कुत्तों से जुड़े मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले की मुख्य बातें
पारुल नेत्रपाल
- 22 Aug 2025, 08:44 PM
- Updated: 08:44 PM
नयी दिल्ली, 22 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों से छोड़ने पर रोक संबंधी अपने निर्देश में शुक्रवार को संशोधन किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि पकड़े गए आवारा कुत्तों को बंध्याकरण और टीकाकरण के बाद वापस उन्हीं क्षेत्रों में छोड़ दिया जाए, जहां से उन्हें पकड़ा गया था।
आइए, न्यायालय के फैसले की मुख्य बातों पर नजर डालें:
* शीर्ष अदालत ने आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों से छोड़ने पर रोक संबंधी 11 अगस्त के निर्देश को फिलहाल स्थगित रखने का फैसला किया।
* न्यायालय ने कहा कि पकड़े गए आवारा कुत्तों का बंध्याकरण किया जाएगा, उनका कृमिहरण एवं टीकाकरण किया जाएगा और उन्हें उसी क्षेत्र में वापस छोड़ दिया जाएगा, जहां से उन्हें उठाया गया था।
* शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि रेबीज से संक्रमित या रेबीज से संक्रमित होने की आशंका वाले और आक्रामक व्यवहार वाले आवारा कुत्तों पर यह आदेश लागू नहीं होगा।
* न्यायालय ने कहा कि रेबीज से संक्रमित और आक्रामक व्यवहार वाले आवारा कुत्तों का बंध्याकरण एवं टीकाकरण किया जाएगा, लेकिन उन्हें सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा।
* उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आक्रामक कुत्तों को बंध्याकरण और टीकाकरण के बाद अलग बाड़े या आश्रय स्थल में रखा जाएगा।
* न्यायालय ने स्पष्ट किया कि नगर निगम अधिकारी दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम के सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को पकड़ने और उनके लिए तुरंत आश्रय स्थल बनाने के 11 अगस्त के निर्देश का अनुपालन जारी रखेंगे।
* शीर्ष अदालत ने नगर निकायों को प्रत्येक नगरपालिका वार्ड में आवारा कुत्तों के लिए समर्पित भोजन क्षेत्र बनाने के निर्देश दिए।
* न्यायालय ने कहा कि संबंधित नगरपालिका वार्ड में आवारा कुत्तों की आबादी और सघनता को ध्यान में रखते हुए भोजन क्षेत्र बनाए या चिह्नित किए जाने चाहिए।
* शीर्ष अदालत ने कहा कि निर्धारित भोजन क्षेत्रों के पास नोटिस बोर्ड लगाए जाने चाहिए, जिन पर इस बात का स्पष्ट जिक्र हो कि आवारा कुत्तों को केवल ऐसे क्षेत्रों में ही खाना खिलाया जाएगा।
* न्यायालय ने कहा कि आवारा कुत्तों को किसी भी सूरत में सड़कों पर खाना खिलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
* शीर्ष अदालत ने कहा कि उसके निर्देशों का उल्लंघन कर सड़कों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाते पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
* न्यायालय ने कहा कि प्रत्येक नगर निकाय प्राधिकरण निर्देशों के उल्लंघन की घटनाओं की शिकायत के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन बनाएगा।
* शीर्ष अदालत ने कहा कि हेल्पलाइन पर शिकायत मिलने के बाद संबंधित व्यक्ति या संगठन के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
* न्यायालय ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या संगठन उसके निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन में बाधा या रुकावट पैदा नहीं करेगा।
* शीर्ष अदालत ने कहा कि उसके निर्देशों का अनुपालन करने वाले सरकारी अधिकारी के काम में किसी भी तरह की अड़चन डालने पर उल्लंघनकर्ता को मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
* न्यायालय ने कहा कि शीर्ष अदालत का रुख करने वाले प्रत्येक कुत्ता प्रेमी और एनजीओ को सात दिन के भीतर क्रमश: 25,000 रुपये और दो लाख रुपये जमा कराने होंगे, वरना उन्हें भविष्य में इस मामले में पेश होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
* शीर्ष अदालत ने कहा कि जमा कराई गई राशि का इस्तेमाल संबंधित नगर निकायों के तत्वावधान में आवारा कुत्तों के लिए बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के निर्माण में किया जाएगा।
* न्यायालय ने कहा कि इच्छुक पशु प्रेमी आवारा कुत्तों को गोद लेने के लिए संबंधित नगर निकाय में आवेदन करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
* शीर्ष अदालत ने कहा कि यह सुनिश्चित करना आवेदक की जिम्मेदारी होगा कि गोद लिया गया कुत्ता सड़कों पर वापस न आए।
* न्यायालय ने नगर निकायों के अधिकारियों को कुत्ता आश्रय स्थलों, पशु चिकित्सकों, कुत्ता पकड़ने वाले कर्मचारियों, विशेष रूप से संशोधित वाहनों और पिंजरों सहित अन्य संसाधनों के संबंध में आज की तारीख तक उपलब्ध पूर्ण आंकड़ों के साथ एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
* शीर्ष अदालत ने आवारा कुत्तों से जुड़े मामले का दायरा दिल्ली-एनसीआर से आगे बढ़ाते हुए सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को इसमें पक्षकार बनाने का निर्देश दिया।
* उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में आवारा कुत्तों से संबंधित सभी लंबित मामलों को अपने पास स्थानांतरित किया।
भाषा पारुल