सिद्धरमैया ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ की घटना पर खेद जताया, इस्तीफे की मांग खारिज की
देवेंद्र नेत्रपाल
- 22 Aug 2025, 09:29 PM
- Updated: 09:29 PM
बेंगलुरु, 22 अगस्त (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने चार जून को हुई भगदड़ की घटना में 11 लोगों की मौत पर ‘‘खेद’’ जताते हुए शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि इस घटना ने उन्हें ‘‘बहुत परेशान’’ किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के वास्ते सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।
उनके और उनके वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगियों के इस्तीफे संबंधी विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भाजपा शासित राज्यों में भगदड़ की 20 घटनाएं हुई हैं।
उन्होंने गत चार जून को यहां चिन्नास्वामी स्टेडियम के निकट भगदड़ की घटना के लिए ‘‘सामूहिक उन्माद’’ को ज़िम्मेदार ठहराया।
मुख्यमंत्री ने आईपीएल में आरसीबी की जीत के बाद आयोजित समारोह के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के निकट हुई भगदड़ की घटना पर सदन में चर्चा के दौरान यह बात कही। इस घटना में 11 लोगों की जान चली गई थी और 71 लोग घायल हुए थे।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘नेता प्रतिपक्ष अशोक ने कहा कि यदि मुझमें दिल और इंसानियत होती, तो मुझे इसे एक गलती मानकर माफी मांगनी चाहिए थी। लेकिन मैंने उसी दिन (भगदड़ के तुरंत बाद) खेद व्यक्त कर दिया था। मेरे राजनीतिक जीवन में, इस सदन में विधायक के रूप में 42 वर्षों से भी ज्यादा समय में, इतनी दुखद घटना कभी नहीं घटी। मैंने भगदड़ के कारण इतनी मौतें पहले कभी नहीं देखीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अब भी दुखी हूं। मैंने दुख व्यक्त किया है, और मैं उन युवाओं के माता-पिता की पीड़ा को महसूस कर सकता हूं जो इस घटना में मारे गए। मैं अब भी बहुत व्यथित हूं।’’
घटना वाले दिन उनके एक रेस्टोरेंट जाने की आलोचना का जवाब देते हुए, सिद्धरमैया ने स्पष्ट किया कि उनका पोता एक दिन पहले ही लंदन से आया था। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक पोन्नन्ना (विधायक और मुख्यमंत्री के कानूनी सलाहकार) ने मुझे चार जून की शाम 5.30 बजे सूचित किया, तब तक मुझे किसी भी मौत की जानकारी नहीं थी। यही सच्चाई है।’’
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने पुलिस आयुक्त बी दयानंद से संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि केवल एक ही व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि मृतकों की संख्या पहले ही 11 हो चुकी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मरने वाले सभी लोग युवा उम्र के थे जिनकी उम्र 13 से 29 साल के बीच थी। अगर वे जीवित होते, तो कौन जानता है कि उन्होंने जीवन में क्या हासिल किया होता? जब मैंने अस्पताल में शव देखे, तो मुझे बहुत दुख हुआ। यह घटना नहीं होनी चाहिए थी। मैं एक बार फिर खेद व्यक्त करता हूं।’’
सिद्धरमैया ने कहा कि उन्होंने तुरंत बेंगलुरु शहर के उपायुक्त को मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए और सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जॉन माइकल कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन भी किया। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति कुन्हा ने 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद उपायुक्त ने 11 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
तत्कालीन बेंगलुरु पुलिस आयुक्त समेत पांच पुलिस अधिकारियों को लापरवाही बरतने और बिना किसी सावधानी के समारोह की अनुमति देने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव को हटा दिया गया और खुफिया प्रमुख का तबादला कर दिया गया। उन्होंने बताया कि आयोजकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए और उनके चार प्रतिनिधियों को गिरफ्तार किया गया, हालांकि वे अब जमानत पर बाहर हैं।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने घटना का स्वतः संज्ञान लिया है। मामले की जांच करने वाली सीआईडी ने भी अपनी जांच पूरी कर ली है और आरोपपत्र तैयार कर लिया है। अदालत की अनुमति मिलते ही हम इसे दाखिल कर देंगे।’’
उन्होंने कहा कि आरसीबी की 18 साल में यह पहली आईपीएल जीत थी। उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक से सिर्फ एक या दो खिलाड़ी होने के बावजूद, यहां के लोगों को लगा कि यह टीम राज्य की है और वे इसे बेंगलुरु का गौरव मानते हैं।’’
भाजपा शासित राज्यों में हुई भगदड़ की घटनाओं का जिक्र करते हुए सिद्धरमैया ने तीन अगस्त, 2008 को हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में भगदड़ हुई, जिसमें 162 लोग मारे गए थे, और उसी साल जोधपुर के चामुंडा देवी मंदिर में हुई भगदड़ का ज़िक्र किया, जिसमें 250 लोगों की जान गई थी।
उन्होंने इस साल जनवरी में कुंभ मेले के दौरान प्रयागराज में हुई भगदड़ का भी जिक्र किया, जिसमें 39 लोगों की जान चली गई थी।
भाजपा द्वारा उनके माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इन घटनाओं के दौरान भाजपा सत्ता में थी। भाजपा नेता मुख्यमंत्री थे। क्या उनमें से किसी ने इस्तीफा दिया या माफी मांगी? क्या प्रयागराज में कुंभ मेले में हुई भगदड़ के बाद, जिसमें 39 लोग मारे गए थे, योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था?’’
उन्होंने कोविड के दौरान गुजरात टाइटन्स की आईपीएल जीत के बाद मई 2022 में अहमदाबाद में आयोजित बड़े सार्वजनिक समारोहों पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने पूछा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनके परिवार के साथ-साथ गुजरात के मुख्यमंत्री (भूपेंद्र पटेल) भी इसमें शामिल हुए थे। क्या तब किसी ने इस्तीफा दिया था?’’
कोविड के दौरान चामराजनगर में ऑक्सीजन की कमी से 36 लोगों की मौत और भाजपा शासन में पुलिस गोलीबारी की घटनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘क्या तब किसी ने इस्तीफा दिया था या माफी मांगी थी?’’
सिद्धरमैया ने नेताओं से ‘‘राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह की दुखद घटनाओं का फायदा उठाने से बचने’’ का आग्रह किया।
भाषा
देवेंद्र