कराड दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में छेड़छाड़ को लेकर भाजपा, कांग्रेस में वाकयुद्ध
पारुल नेत्रपाल
- 22 Aug 2025, 09:50 PM
- Updated: 09:50 PM
मुंबई, 22 अगस्त (भाषा) पश्चिमी महाराष्ट्र के कराड दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में कथित छेड़छाड़ और दोहरे पंजीकरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा कांग्रेस के बीच शुक्रवार को आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया।
महाराष्ट्र में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को सातारा जिले की कराड दक्षिण सीट पर भाजपा प्रत्याशी अतुल भोसले से हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट पर 1962 के बाद से ही कांग्रेस का कब्जा था।
कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भोसले के निजी सहायक अमोल पाटिल और फत्तेसिंह सरनोबत के नाम एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में पंजीकृत हैं।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने दावा किया, ‘‘पाटिल का नाम अंकलाकोप, जबकि सरनोबत का नाम इस्लामपुर की मतदाता सूची में है, लेकिन दोनों का नाम कराड दक्षिण की मतदाता सूची में भी दर्ज है। यह दोहरी प्रविष्टियों के माध्यम से ‘वोट चुराने’ और फिर प्रत्यारोप के जरिये इसे छिपाने के अलावा और कुछ नहीं है।’’
जवाब में भाजपा नेताओं ने दावा किया कि पृथ्वीराज चव्हाण के परिवार के सदस्यों के नाम कराड दक्षिण, मलकापुर, पाटन और कुंभार्गव की मतदाता सूचियों में पंजीकृत हैं।
स्थानीय भाजपा नेता धनजी पाटिल ने दावा किया, ‘‘पृथ्वीराज चव्हाण के कई रिश्तेदारों (जिनमें भतीजे इंद्रजीत चव्हाण और राहुल चव्हाण भी शामिल हैं) तथा उनके (रिश्तेदारों के) परिजनों के नाम दो या तीन मतदाता सूचियों में दर्ज हैं। कुछ प्रविष्टियों में उम्र का अंतर और यहां तक कि अलग-अलग नाम भी दर्ज हैं। यह धोखाधड़ी और मतदाता रिकॉर्ड के दुरुपयोग के समान है।’’
उन्होंने कहा कि पार्टी निर्वाचन आयोग से इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करेगी।
कांग्रेस ने कराड में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इन आरोपों का खंडन किया। चव्हाण के निजी सहायक गजानन अवलकर ने दो बार मतदान करने के आरोप से इनकार किया।
अवलकर ने कहा, ‘‘मेरा नाम कराड और वाथर की मतदाता सूचियों में दर्ज है, लेकिन मैंने कराड से अपना नाम हटाने के लिए पहले ही आवेदन कर दिया था। चुनाव अधिकारी के समक्ष सुनवाई हुई, लेकिन आपत्ति जताने वाले कभी उपस्थित नहीं हुए। दोहरी प्रविष्टि के लिए प्रशासन जिम्मेदार है, मैं नहीं। मैंने कभी दो बार वोट नहीं दिया। मैं आरोप लगाने वालों को चुनौती देता हूं कि वे आठ दिन के भीतर इसे साबित करें, वरना मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा।’’
पूर्व मुख्यमंत्री के भतीजे इंद्रजीत चव्हाण ने कहा कि एक से अधिक प्रविष्टियों के पीछे की वजह उनका पिछले कुछ वर्षों में कई बार निवास स्थान बदलना है।
इंद्रजीत ने कहा, ‘‘मैं पहले पाटन कॉलोनी में रहता था, फिर पवार कॉलोनी में और बाद में मलकापुर में रहने लगा। मैंने नाम हटाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन प्रशासनिक चूक के कारण नाम नहीं हटाए गए। फिर भी, हमारे परिवार ने हमेशा एक ही जगह वोट दिया है। हम फर्जी मतदान का विरोध करते हैं।’’
कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि भाजपा विधायक के सहयोगियों के अलावा, कराड दक्षिण के शिवनगर बूथ के तहत मतदाता सूची में 52 फिजियोथेरेपी छात्रों के नाम जोड़े गए थे और रेथारे बुद्रुक सूची में कुछ सेवानिवृत्त श्रमिकों के नाम शामिल किए गए थे।
भाषा पारुल