दिल्ली सरकार ने पांच साल में संकटग्रस्त लोगों में 16 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की
संतोष माधव
- 23 Aug 2025, 06:59 PM
- Updated: 06:59 PM
(सिद्धांत मिश्रा)
नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) दिल्ली सरकार ने पिछले पांच सालों में संकटग्रस्त कई लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिनमें बेटी की शादी के लिए आर्थिक जरूरत का सामना कर रहे लोग, सामूहिक बलात्कार की पीड़िताएं, अग्नि दुर्घटनाओं के पीड़ित और दंगों या डूबने समेत अन्य त्रासदियों से प्रभावित लोगों के परिवार शामिल हैं।
‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा प्राप्त एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, वित्त विभाग द्वारा प्रबंधित उपराज्यपाल/मुख्यमंत्री राहत कोष ने 2019-20 और 2023-24 के बीच लगभग 345 व्यक्तियों की सहायता की और कुल 16.6 करोड़ रुपये वितरित किए।
वित्तीय वर्ष 2019-20 में, 220 लोगों को वित्तीय सहायता जारी की गई। इसमें अधिकतर अपनी बेटी की शादी के वास्ते संपर्क करने वाले लोगों को दिए 20,000 रुपये शामिल थे।
इसी वर्ष अनाज मंडी में आग लगने की घटना के मृतकों के 39 निकटतम रिश्तेदारों को सरकार से 8-8 लाख रुपये की आर्थिक मदद मिली। इसके अलावा, आग की घटना में घायल हुए 16 लोगों को सरकार की ओर से 50-50 हजार रुपये का मुआवजा दिया गया।
आग की यह घटना कम से कम पिछले कुछ दशकों में हुई सबसे घातक दुर्घटनाओं में से एक थी, जो 2019 में सदर बाजार इलाके में एक बैग बनाने वाली फैक्टरी में लगी थी। इस घटना में लगभग 40 लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। आग उस समय लगी जब मजदूर फैक्टरी के अंदर सो रहे थे।
वर्ष 2019 में सरकार ने मृतक अंकित सक्सेना के पिता को 15 लाख रुपये जारी किए, जिनकी 2018 में हत्या कर दी गई थी। पेशे से फोटोग्राफर अंकित की कथित तौर पर रघुबीर नगर स्थित उनके घर के पास उनकी प्रेमिका शहजादी के परिवार वालों ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी और गला रेत दिया था, क्योंकि वे उनके अंतरधार्मिक संबंधों के खिलाफ थे।
शाहदरा के झिलमिल में आग लगने की घटना में मारे गए तीन लोगों को भी उसी वर्ष पांच-पांच लाख रुपये दिए गए थे।
एक बलात्कार पीड़िता बच्ची की मां को 10 लाख रुपये और 2019 में एक बलात्कार पीड़िता को 8.2 लाख रुपये दिए गए थे।
अगले वित्तीय वर्ष (2020-21) में, 2019 में यमुना नदी में डूबे चार नाबालिग लड़कों के परिवार/रिश्तेदारों को आठ लाख रुपये की सहायता राशि दी गई। सभी नाबालिगों की उम्र 12 से 14 साल के बीच थी।
इसी वर्ष, यौन उत्पीड़न के शिकार एक बच्चे के पिता को आठ लाख रुपये और तेलंगाना को मुख्यमंत्री राहत कोष से 15 लाख रुपये दिए गए। समान वित्तीय वर्ष में कुल मिलाकर 45 लोगों को आर्थिक सहायता दी गई।
अगले वर्ष 2021-22 में, लाभार्थियों की संख्या 41 थी। इस महामारी के समय में सरकार ने दिलशाद गार्डन क्षेत्र के स्वामी दयानंद अस्पताल में ड्यूटी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मरने वाले एक व्यक्ति की पत्नी को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया।
वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने 30 लोगों की सहायता की जिनमें से एक साक्षी का परिवार था, जिसकी उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के शाहबाद डेयरी में उसके प्रेमी ने सरेआम बेरहमी से चाकू मारकर हत्या कर दी थी।
पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जहां आरोपी को लगातार चाकू मारते और फिर कंक्रीट की ईंट से पीड़ित का सिर कुचलते देखा जा सकता है। सरकार ने पीड़िता के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया।
रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 के दौरान केवल 12 लोगों/संस्थाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
भाषा संतोष