असम के मुख्यमंत्री अवैध गतिविधियों में लिप्त: प्रशांत भूषण
जितेंद्र नेत्रपाल
- 24 Aug 2025, 09:16 PM
- Updated: 09:16 PM
गुवाहाटी, 24 अगस्त (भाषा) अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने रविवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हर तरह की ‘‘अराजक व अवैध गतिविधियों’’ में लिप्त हैं तथा बाहरी दुनिया से ‘‘इस लूट’’ को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।
भूषण ने यहां एक समारोह से इतर पत्रकारों से कहा कि शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार लोगों को यह जानने से ‘‘रोक’’ रही है कि राज्य में क्या हो रहा है।
उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट है कि हिमंत विश्व शर्मा की असम सरकार नागरिकों को अवैध रूप से बांग्लादेश व इस देश के बाहर भेजने, लोगों को उनकी जमीन से अवैध रूप से बेदखल करने, उनके घरों को अवैध रूप से ध्वस्त करने जैसी हर तरह की अराजक व अवैध गतिविधियों में लिप्त है।”
भूषण ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आदिवासियों की कृषि उपज वाली जमीनों को अदाणी समूह और अन्य कंपनियों को ‘‘अवैध’’ रूप से सौंपने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, “राज्य में लूट मची हुई है और मुख्यमंत्री इसे छिपाना चाहते हैं। इसलिए वह लोगों को रोकना चाहते हैं।”
इससे पहले, शर्मा ने दावा किया था कि कांग्रेस, जमात-ए-इस्लामी-हिंद, हर्ष मंदर, प्रशांत भूषण, वजाहत हबीबुल्ला, फयाज शाहीन और जवाहर सरकार जैसे बुद्धिजीवी पाकिस्तान और बांग्लादेश के कुछ तत्वों के साथ मिलकर राज्य को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
भूषण ने पूछा, “हिमंत विश्व शर्मा सरकार ऐसे लोगों से क्यों डरती है, जो असम आकर यहां क्या हो रहा है, इसका पता लगाते हैं? उन्हें वजाहत हबीबुल्ला, सैयदा हमीद, हर्ष मंदर, जवाहर सरकार जैसे लोगों से क्या डर है?”
उन्होंने कहा कि ये लोग प्रतिष्ठित हस्तियां हैं, जिनमें पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त, अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष, योजना आयोग के पूर्व सदस्य, भारत सरकार के पूर्व सचिव और पूर्व आईएएस अधिकारी शामिल हैं।
भूषण ने आरोप लगाया, “इससे पता चलता है कि यह सरकार असम के बाहर के लोगों को यहां जो हो रहा है उसकी सच्चाई पता चलने से पूरी तरह डरी हुई है। हमने जो सीखा है, उसके अनुसार अवैध बेदखली, अवैध तोड़फोड़ और आदिवासियों व अन्य किसानों की कृषि भूमि पर अवैध कब्जा कर उन्हें अदाणी जैसे कारोबारियों को दिया जा रहा है। असम में यही सब चल रहा है।”
भूषण ने असम नागरिक सम्मेलन द्वारा आयोजित ‘असम के विशेष संदर्भ में राष्ट्र की स्थिति’ विषय पर एक संगोष्ठी को संबोधित किया।
भूषण ने कहा कि वह हाल ही में ग्वालपाड़ा जिले में अतिक्रमण हटाओ अभियान वाली जगहों का दौरा करना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।
उन्होंने कहा, “हम वहां नहीं जा सके क्योंकि सरकार ने निषेधाज्ञा लागू कर दी थी और पांच से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी थी। हालांकि, आज मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर यह भी कहा कि प्रशांत भूषण, हर्ष मंदर और वजाहत हबीबुल्ला असम आए हैं और गलत सूचना फैला रहे हैं।’’
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, “हम यहां स्थानीय लोगों से बात कर यह जानने आए हैं कि क्या हो रहा है। वह (शर्मा) हमें यह जानने से भी रोक रहे हैं कि क्या हो रहा है, और ऊपर से कह रहे हैं कि प्रशांत भूषण वगैरह गलत सूचना फैलाने आए हैं।”
भूषण ने वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ राजद्रोह के मामले दर्ज करने का आरोप लगाते हुए शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा, “असम सरकार पत्रकारों के खिलाफ राजद्रोह के मामले दर्ज कर रही है। सिद्धार्थ वरदराजन, करण थापर और अभिसार शर्मा जैसे सम्मानित पत्रकार, जिन्होंने असम के बारे में कुछ कहा भी नहीं है।”
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, “वे (पत्रकार) बस बातें कह रहे थे या साक्षात्कार दे रहे थे, जो केंद्र सरकार को पसंद नहीं आया और फिर भी इन लोगों को परेशान करने के लिए यहां प्राथमिकी दर्ज की जा रही हैं।”
भाषा जितेंद्र