सड़क हादसे में घायल माली को 18.6 लाख रुपये का मुआवजा, एमएसीटी का आदेश
सुमित मनीषा नरेश
- 25 Aug 2025, 03:02 PM
- Updated: 03:02 PM
ठाणे, 25 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) ने 2021 में मुंबई-गोवा राजमार्ग पर एक सड़क हादसे में घायल हुए 61 वर्षीय एक बागान मजदूर को 18.6 लाख रुपये का मुआवाजा देने का आदेश दिया है।
एमएसीटी ने कहा कि पीड़ित को काम के लिए अपने हाथों का उपयोग करना पड़ता था और चोटों के कारण वे अपना काम कर पाने में असमर्थ हो गए। उनकी कार्यात्मक दिव्यांगता का आकलन 100 प्रतिशत किया गया।
सदस्य आरवी मोहिते की अध्यक्षता में अधिकरण ने 20 अगस्त के अपने आदेश में दोषी टैंकर चालक को पूरी तरह इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया।
इस आदेश की एक प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई।
दुर्घटना के समय 57 वर्ष के पीड़ित दिलीप दत्तु परबलकर 14 अप्रैल 2021 को अपने दामाद की मोटरसाइकिल पर पीछे की सीट पर बैठ कर उनके साथ कहीं जा रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार टैंकर ने गोवा-मुंबई राजमार्ग पर पनवेल के पास उन्हें पीछे से टक्कर मार दी।
उनकी दावा याचिका के अनुसार, गिरने के कारण परबलकर घायल हो गए और उनके बाएं हाथ में 45 प्रतिशित स्थायी आंशिक दिव्यांगता हो गई।
टैंकर मालिक गैस परिवहन कंपनी और उसके चालक ने यह तर्क देने की कोशिश की कि गलती मोटरसाइकिल सवार की थी। हालांकि, अधिकरण ने इन दावों को विरोधाभासी और अविश्वसनीय पाया।
एमएसीटी ने यह भी पाया कि दुर्घटना के समय टैंकर चालक के पास खतरनाक माल के परिवहन के लिए वैध और प्रभावी चालक लाइसेंस नहीं था।
इसमें कहा गया है कि टैंकर के मालिक का लिखित बयान, दोषी वाहन के चालक के साक्ष्यों से मेल नहीं खाता है।
अधिकरण ने कहा, "मेरा मानना है कि अपराधी वाहन के चालक का साक्ष्य विश्वसनीय एवं भरोसेमंद नहीं है।"
अधिकरण ने पाया, "रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है जो दावेदार की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही को दर्शाता हो। दावेदार को उक्त दुर्घटना में चोटें आईं। इस प्रकार, दुर्घटना टैंकर के तेज और लापरवाही से चलाने के कारण हुई।"
दुर्घटना के समय परबलकर एक बागान में मजदूर के रूप में काम कर रहे थे और 15,000 रुपये प्रति माह कमा रहे थे।
एमएसीटी ने कहा, ‘‘उनका काम हाथों से जुड़ा है और दुर्घटना में आई चोटों के कारण दावेदार अपना काम करने में अक्षम हो गए हैं इसलिए उनकी कार्यात्मक दिव्यांगता 100 प्रतिशत आंकी जाती है।’’
अधिकरण ने परबलकर को 18,60,969 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया और साथ ही याचिका की तारीख से राशि जमा होने तक 9 फीसद प्रति वर्ष की दर से ब्याज भी देने का आदेश दिया।
अधिकरण ने कहा कि टैंकर का बीमाकर्ता पहले राशि का भुगतान करने तथा फिर उसे वाहन के मालिक से वसूलने के लिए उत्तरदायी है।
एक अलग दावे में एमएसीटी ने 20 अगस्त को परबलकर के दामाद के परिवार को 72.04 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया जिनकी उसी दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
भाषा
सुमित मनीषा