रुपये ने शुरुआत लाभ गंवाया, चार पैसे टूटकर 87.56 प्रति डॉलर पर
राजेश राजेश अजय
- 25 Aug 2025, 09:13 PM
- Updated: 09:13 PM
मुंबई, 25 अगस्त (भाषा) अमेरिकी मुद्रा में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में सुधार के बीच रुपया सोमवार को शुरुआती बढ़त गंवाकर कारोबार के अंत में चार पैसे की गिरावट के साथ 87.56 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत के खिलाफ अतिरिक्त शुल्क लगाने की 27 अगस्त की समयसीमा नजदीक आने और फेडरल रिजर्व की 17 सितंबर की बैठक से पहले आने वाले अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों को देखते हुए निवेशक सतर्क थे।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘डॉलर में मजबूती के कारण रुपये में लगातार चौथे दिन गिरावट जारी रही... डॉलर की सतत मांग और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण रुपये पर दबाव बना हुआ है।’’
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.38 पर बढ़त के साथ खुला। बाद के कारोबार में रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.34 के ऊपरी स्तर और 87.61 के निचले स्तर को छुआ।
कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया 87.56 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से चार पैसे की गिरावट है।
रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 27 पैसे गिरकर 87.52 पर बंद हुआ था।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘‘भारत पर अमेरिकी शुल्क के कारण रुपया लगातार दबाव में है, जिससे डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं के मजबूत होने के बावजूद बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है।’’
इसके अलावा तेल आयातक लगातार डॉलर खरीद रहे हैं, जिससे रुपये पर दबाव पड़ रहा है।
भंसाली ने कहा, ‘‘फिच ने ऋण कमजोरी, उच्च राजकोषीय घाटे, ऋण भुगतान और उच्च अमेरिकी शुल्क का हवाला देते हुए भारत के लिए 'बीबीबी नकारात्मक' रेटिंग को कायम रखा है। भारत के 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल भी लगातार बढ़ रहा है। इनके बीच रुपये के लिए अच्छी बोली लगी।''
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.24 प्रतिशत बढ़कर 97.95 पर पहुंच गया।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल ने हाल में नरम रुख अपनाने की बात कही थी, जिससे डॉलर को समर्थन मिला।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.41 प्रतिशत बढ़कर 68.01 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।
इस बीच, रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने कहा है कि भारत को रूसी कच्चे तेल की खरीद पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चिंताओं को गंभीरता से लेना चाहिए और इस मुद्दे का समाधान खोजने के लिए व्हाइट हाउस के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
ट्रंप प्रशासन, रूस से रियायती दरों पर कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत की कड़ी आलोचना करता रहा है। दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका रूसी कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातक चीन की आलोचना नहीं कर रहा है।
रूसी कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए, भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 329.06 अंक की तेजी के साथ 81,635.91 अंक पर और निफ्टी 97.65 अंक की तेजी के साथ 24,967.75 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को 2,466.24 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश