प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने वाले विधेयक से 'पुलिस राज्य' बनेगा: ओवैसी
नोमान माधव
- 25 Aug 2025, 09:30 PM
- Updated: 09:30 PM
हैदराबाद, 25 अगस्त (भाषा) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को आरोप लगाया कि गंभीर आरोपों में लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने के लिए हाल में लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयक शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं और नाजी जर्मनी की गुप्त पुलिस सेवा ‘गेस्टापो’ के समान एक "पुलिस राज्य" बनाएंगे।
हैदराबाद के सांसद ने यहां संवाददाताओं से कहा, "यह शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन है। यह लोकतंत्र को कमजोर करता है। इसीलिए हमने विधेयकों का विरोध किया।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 20 अगस्त को लोकसभा में तीनों विधेयक पेश किए। इन मसौदा कानूनों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेज दिया गया।
ओवैसी ने इससे पहले प्रस्तावित कानून को संविधान के विरुद्ध बताते हुए कहा था कि यह अधिशासी एजेंसियों को खुली छूट देगी है और मुख्यमंत्रियों तथा मंत्रियों को उनकी दया पर छोड़ देता है।
उन्होंने सोमवार को कहा कि कार्यपालिका (केंद्र सरकार) जांच एजेंसियों की नियुक्ति करती है, चाहे वह आयकर (आईटी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या केंद्रीय अन्वेषण एजेंसी (सीबीआई) हो।
ओवैसी ने कहा कि जब तक इन एजेंसियों की नियुक्तियां स्वतंत्र रूप से नहीं की जातीं, तब तक यह संदेह और सवाल उठता रहेगा कि वे (एजेंसियां) सरकार के निर्देश पर काम करती हैं।
उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के समय भी ऐसा हुआ था और अब भी यही हो रहा है।
ओवैसी ने कहा कि संविधान में कहा गया है कि भारत के राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से निर्देशित होंगे। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संविधान में है।
उन्होंने पूछा, "यह प्रस्तावित विधेयक कहता है कि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को हटा सकते हैं। लेकिन कैसे? यह स्पष्ट रूप से उस अनुच्छेद के विपरीत है। अब वास्तविकता स्वीकार करें, क्या कोई राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर कर सकता है?"
केंद्र शासित प्रदेशों में पूरा गृह विभाग केंद्र सरकार के पास है। उन्होंने कहा, "फिर आज़ादी कहां है? आप उन पर नियंत्रण रखेंगे। बस चार-पांच मंत्रियों को गिरफ़्तार कर लो, और सरकार चली जाएगी।"
उन्होंने कहा, "अगर आप वाकई नैतिकता की बात कर रहे हैं, तो यह कानून भी बनाइए कि जो भी गिरफ्तार होगा, वह केंद्र सरकार की पार्टी में शामिल नहीं हो सकेगा। आप इसे इसमें क्यों नहीं शामिल करते? ये सब कीजिए...तब आपके इरादे, आपका असली मकसद साफ हो जाएगा।"
ओवैसी ने कहा कि जांच एजेंसियों को स्वतंत्र बनाया जाना चाहिए ताकि उनकी नियुक्तियों और पुलिस बल में सरकार की कोई भूमिका न रहे।
भाषा
नोमान