कलकत्ता विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति का 28 अगस्त की परीक्षा पुनर्निर्धारित करने से इनकार
शुभम दिलीप
- 27 Aug 2025, 06:09 PM
- Updated: 06:09 PM
कोलकाता, 27 अगस्त (भाषा) कलकत्ता विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति शांता दत्ता ने बुधवार को 28 अगस्त को निर्धारित चौथे सेमेस्टर की परीक्षा पुनर्निर्धारित करने से इनकार कर दिया, जिससे कुलपति और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच विवाद गहरा गया।
तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) ने विश्वविद्यालय से परीक्षाएं स्थगित करने का आग्रह किया था और तर्क दिया था कि 28 अगस्त छात्रसंघ का स्थापना दिवस है, जिसे पारंपरिक रूप से बड़ी सभाओं और जुलूसों के साथ मनाया जाता है।
संगठन ने दावा किया कि इस आयोजन से यातायात में भारी व्यवधान उत्पन्न होगा, हजारों परीक्षार्थियों को असुविधा होगी तथा संगठन के लिए एक महत्वपूर्ण दिन पर ध्यान केंद्रित करने की उनकी क्षमता प्रभावित होगी।
दत्ता ने यहां संवाददाताओं से कहा, "सीयू की विशेष सिंडिकेट बैठक में पहले ही सर्वसम्मति से 28 अगस्त को होने वाली परीक्षा स्थगित न करने का निर्णय लिया जा चुका है। 28 अगस्त में क्या खास है? क्या यह राष्ट्रीय अवकाश है?"
उन्होंने कहा, "हमने पिछली सिंडिकेट बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि को अपना निर्णय पहले ही बता दिया था। अगर टीएमसीपी के राजनीतिक कार्यक्रम के कारण परीक्षाओं का कार्यक्रम पुनर्निर्धारित किया जाता है, तो भविष्य में अन्य राजनीतिक समूहों की ओर से भी ऐसी ही मांगें उठ सकती हैं।"
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना प्रशासन का कर्तव्य है कि किसी भी अभ्यर्थी को समय पर परीक्षा केंद्र तक पहुंचने और सुरक्षित घर लौटने में कोई परेशानी न हो।
उन्होंने कहा, "हमने 30,000 उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित और समय पर यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए कोलकाता पुलिस और राज्य परिवहन विभाग को पहले ही पत्र लिखा है। यह सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य है कि छात्रों को कोई असुविधा न हो।"
दत्ता पर पलटवार करते हुए टीएमसीपी के प्रदेश अध्यक्ष त्रिनंकुर भट्टाचार्य ने कहा, "वह निष्पक्ष प्रशासक की तरह नहीं, बल्कि पक्षपातपूर्ण तरीके से भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम कर रही हैं।"
उन्होंने दावा किया कि दत्ता ने जानबूझकर टीएमसीपी के स्थापना दिवस पर परीक्षाएं निर्धारित कीं, जबकि उन्हें इस तिथि के महत्व की पूरी जानकारी थी।
उन्होंने कहा, "यह जानते हुए भी कि टीएमसीपी का स्थापना दिवस 28 अगस्त को है, उन्होंने उसी दिन परीक्षाएं निर्धारित कर दीं और फिर विश्वविद्यालय की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, सिंडिकेट के कुछ सदस्यों से हस्ताक्षर करवा लिए। हम सिर्फ अपने सदस्यों की बात नहीं कर रहे हैं। हम उन हजारों आम छात्रों की बात कर रहे हैं, जो टीएमसीपी से जुड़े नहीं हैं, क्योंकि उन्हें यातायात व्यवधान के कारण समस्या का सामना करना पड़ेगा।"
भट्टाचार्य टीएमसी प्रवक्ता भी हैं। उन्होंने दावा किया कि दत्ता कार्यवाहक कुलपति के रूप में अपने कार्यकाल से अधिक समय तक पद पर बनी हुई हैं।
भाषा
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