हिमाचल प्रदेश: भारी बारिश से सड़कें क्षतिग्रस्त होने से चंबा में हजारों श्रद्धालु फंसे
रंजन पवनेश
- 27 Aug 2025, 10:14 PM
- Updated: 10:14 PM
शिमला, 27 अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश में मणिमहेश यात्रा पर निकले हज़ारों श्रद्धालु, बारिश से क्षतिग्रस्त सड़कों के कारण प्रदेश के चंबा में कई जगहों पर फंसे हुए हैं। खराब मौसम के कारण यह यात्रा सोमवार को स्थगित कर दी गयी थी। स्थानीय विधायकों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
विधायकों ने बताया कि श्रद्धालुओं के रिश्तेदार और मित्र अपने प्रियजनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं क्योंकि पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के बाद चंबा जिले के अधिकांश हिस्सों में मोबाइल संपर्क ठप हो गया है।
राज्य सरकार ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि श्रद्धालुओं को निकालने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
इस महीने की 17 तारीख से शुरू मणिमहेश यात्रा 15 सितंबर को संपन्न होगी।
चंबा के विधायक नीरज नैयर के अनुसार, सड़कें क्षतिग्रस्त होने के कारण चंबा, भरमौर, सलोनी और जिले के अन्य हिस्सों में हज़ारों तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। चुराह के विधायक हंस राज ने तीर्थयात्रियों की संख्या लगभग 10,000 बताई है।
भरमौर के विधायक जनक राज ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बुधवार को बताया, ‘‘हमें कई राज्यों से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के बारे में फोन आ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रिश्तेदार अपने परिवार के सदस्यों के बारे में चिंतित हैं, क्योंकि बारिश के बाद चंबा ज़िले में मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है। मैंने मोबाइल कंपनियों के प्रमुखों से बात की है जिन्होंने आश्वासन दिया है कि बुधवार तक सेवायें बहाल कर दी जायेंगी।’’
मणिमहेश झील तक चंबा-भरमौर-हड़सर मार्ग आम और स्थापित मार्ग है, जिसके लिए हड़सर से मणिमहेश तक 13 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और धनछो में रात्रि विश्राम करना पड़ता है। लाहौल-स्पीति, कांगड़ा और मंडी ज़िलों से भी मणिमहेश जाने के अन्य मार्ग हैं।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार की प्राथमिकता मणिमहेश के रास्ते में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालना और चंबा ज़िले में मोबाइल सेवायें बहाल करना है।
प्राप्त खबरों के अनुसार, मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश, भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और बादल फटने से तबाही मची। ब्यास नदी के उफान पर होने से मनाली में भारी तबाही मची, जबकि चंबा ज़िले और मनाली के ज़्यादातर हिस्सों में मोबाइल संपर्क टूट गया।
मनाली के एक स्थानीय निवासी अवतार चंद ने कहा, ‘‘दुकानें बह गईं, इमारतें ढह गईं, राजमार्ग कट गए और कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है।’’
मनाली के कई हिस्सों में बिजली गुल हो गई। चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर अवरुद्ध हो गया और यात्रियों को घंटों फंसे रहने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
कुल्लू-मनाली (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के क्षेत्रीय अभियंता अशोक चौहान ने बताया कि ब्यास नदी के तेज़ बहाव के कारण मनाली और कुल्लू के बीच कई जगहों पर राष्ट्रीय राजमार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है और मरम्मत का काम चल रहा है।
कुल्लू निवासी जय भाल ने कहा, ‘‘कुल्लू शहर के पास रामशिला इलाके में मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और प्रशासन को सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए। अन्यथा, आने वाले मानसून में यह जगह इतिहास बन जाएगी।’’
उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) मनाली रमन शर्मा ने कहा, ‘‘दायें किनारे से मनाली का संपर्क बाधित हो गया है। सोमवार से अब तक चार दुकानें, दो रेस्टोरेंट और एक घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।’’
बुधवार को, बिलासपुर ज़िले के नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के मंझेड़ गांव में बारिश के बाद एक मकान ढह गया। हालांकि, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है क्योंकि गिरने से पहले ही परिवार घर छोड़ चुका था।
मंगलवार शाम से चंबा में 51 मिमी बारिश हुई, इसके बाद धर्मशाला में 40.4 मिमी, जोत में 38 मिमी, नैना देवी में 26.8 मिमी, पालमपुर में 22.4 मिमी, कांगड़ा में 21.6 मिमी, बिलासपुर में 20.4 मिमी और अंब में 20 मिमी बारिश हुई।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के 12 में से 10 ज़िलों में कुल 584 सड़कें बंद हैं और चंबा तथा लाहौल-स्पीति ज़िलों से रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है ।
केंद्र के अनुसार, बंद सड़कों में से 259 मंडी ज़िले में और 167 कुल्लू में हैं। एसईओसी ने बताया कि लगभग 1155 बिजली आपूर्ति ट्रांसफार्मर और 346 जलापूर्ति योजनायें बाधित हुईं।
स्थानीय मौसम विभाग ने रविवार तक राज्य के तीन से छह ज़िलों के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
एसईओसी के अनुसार, 20 जून से 26 अगस्त के बीच हिमाचल प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 158 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 38 लोग लापता हैं।
राज्य में अब तक अचानक बाढ़ आने के 90, बादल फटने के 42 मामले और 85 भूस्खलन की बड़ी घटनाएं हुई हैं। एसईओसी के आंकड़ों के अनुसार, बारिश से जुड़ी घटनाओं में राज्य को 2,623 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
भाषा रंजन