विश्वविद्यालय विधेयक को लेकर भाजपा विधायकों ने झारखंड विधानसभा में किया हंगामा
नोमान अविनाश
- 28 Aug 2025, 03:29 PM
- Updated: 03:29 PM
रांची, 28 अगस्त (भाषा) झारखंड विधानसभा में बृहस्पतिवार को प्रश्नकाल की कार्यवाही बाधित रही तथा राज्य विश्वविद्यालय विधेयक और अन्य मुद्दों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के हंगामे के बीच अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई, लेकिन मात्र 10 मिनट बाद ही अध्यक्ष ने कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी, क्योंकि विपक्षी और सत्ता पक्ष के सदस्य अपने-अपने मुद्दों को लेकर विरोध जताते हुए आसन के समीप आ गए।
दोपहर को कार्यवाही फिर शुरू हुई जो दोपहर एक बजे भोजनावकाश तक सुचारू रूप से चली।
मानसून सत्र के चौथे दिन, कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को ‘भारत रत्न’ देने और विधानसभा परिसर में भीमराव आंबेडकर, सिदो-कान्हू एवं दिशोम गुरु शिबू सोरेन की प्रतिमाएं स्थापित करने की मांग की।
प्रश्नकाल शुरू होते ही हटिया से भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 पारित करके शिक्षा का राजनीतिकरण कर रही है।
जायसवाल ने कहा, ‘‘यह विधेयक राज्यपाल के अधिकारों को छीनने और छात्रों के चुनाव को रोकने का एक प्रयास है। छात्र सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। यह छात्रों और शिक्षा का मुद्दा है।’’
झारखंड सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में राज्य विश्वविद्यालय विधेयक पारित कर दिया।
जायसवाल ने सूर्या हंसदा की ‘मुठभेड़’ में हुई मौत का मुद्दा भी उठाया और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की।
राज्य विश्वविद्यालय विधेयक पर जायसवाल के सवाल का जवाब देते हुए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने आरोप लगाया कि विपक्ष विश्वविद्यालयों में छात्र चुनाव को लेकर भ्रम फैला रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘विधेयक में छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन नहीं किया गया है।’’
इसके बाद भाजपा विधायक आसन के समीप आ गए, जिसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्य भी आसन के निकट आ गए।
विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर वापस जाने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया।
महतो ने कहा, ‘‘अगर सदस्य इसी तरह प्रश्नकाल में बाधा डालते रहे, तो वे अगली बार प्रश्न नहीं पूछें। हंगामे से प्रश्नकाल का महत्व कम हो जाएगा और इसकी जिम्मेदारी सदस्यों पर आएगी। मुझे लगता है कि भविष्य में लोग सदन के महत्व और प्रश्नकाल में व्यवधान को लेकर अपनी राय बनाएंगे। इसलिए, मैं सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे प्रश्नकाल चलने दें।’’
दोनों पक्षों के सदस्य सदन में हंगामा करते रहे जिसके कारण अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
भाषा नोमान