डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर पर मालगाड़ी परिचालन में 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज
सुरभि धीरज
- 31 Aug 2025, 02:56 PM
- Updated: 02:56 PM
नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) पूर्वी और पश्चिमी डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर पर संयुक्त रूप से मालगाड़ियों के परिचालन में 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। इस मार्ग पर वर्ष 2023 और 2024 के 88,225 के मुकाबले 2024 और 2025 में मालगाड़ियों ने 1,30,116 फेरे लगाएं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 2024 और 2025 में कुल फेरों में करीब 34 प्रतिशत ऐसे फेरे थे जब मालगाड़ी खाली थीं। अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर कोयला और सीमेंट के वैगन खाली लौटते हैं क्योंकि इन वैगनों का उपयोग अन्य उत्पादों के लिए करना संभव नहीं है।
वर्ष 2024 और 2025 में कुल मालगाड़ी परिचालन में कंटेनर उत्पादों की हिस्सेदारी 24 प्रतिशत, कोयले की 19 प्रतिशत और विविध वस्तुओं की 11 प्रतिशत थी, जो दोनों गलियारों पर परिवहन की जाने वाली वस्तुओं की सूची में सबसे ऊपर थी।
सीमेंट और क्लिंकर (सीमेंट निर्माण का मुख्य कच्चा माल), लोहा और इस्पात, खाद्यान्न, उर्वरक और पीओएल (पेट्रोलियम, तेल और स्नेहक) जैसी अन्य वस्तुओं की हिस्सेदारी एक से चार प्रतिशत के बीच रही।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) ने माल ढुलाई के लिए मालगाड़ियों के परिचालन में वृद्धि के लिए अपनी कई पहलों को जिम्मेदार ठहराया है, जिनमें नए माल टर्मिनलों (गति शक्ति कार्गो टर्मिनल) और मार्ग पर ‘साइडिंग’ (मार्ग के किनारे अलग मार्ग) का निर्माण प्रमुख हैं।
दोनों गलियारों की कुल लंबाई 2,843 किलोमीटर है, जिसमें से 2,741 किलोमीटर वर्तमान में चालू है और शेष 102 किलोमीटर वैत्राणा से जवाहरलाल नेहरू पत्तन न्यास (जेएनपीटी) तक पश्चिमी तरफ दिसंबर 2025 में चालू होने वाला है।
वहीं, 1,506 किलोमीटर लंबा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) उत्तर प्रदेश के दादरी से महाराष्ट्र के जेएनपीटी तक है और वर्तमान में 1404 किलोमीटर का उपयोग ट्रेन संचालन के लिए किया जाता है, जो मार्ग का 93.2 प्रतिशत भाग है जबकि 1,337 किलोमीटर की लंबाई वाला ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) 100 प्रतिशत चालू है।
परिचालन अनुपात के बारे में पूछे जाने पर डीएफसीसीआईएल के मुख्य महाप्रबंधक मनीष अवस्थी ने कहा कि डीएफसीसीआईएल को केवल दोनों कॉरिडोर का संचालन और माल ढुलाई परिचालन को सुचारू रूप से चलाने का अधिकार है, जिसके लिए उसे रेल मंत्रालय से पर्याप्त राशि मिलती है।
जहां तक कुल आय के विरुद्ध व्यय का प्रश्न है, केवल रेल मंत्रालय ही जानकारी प्रदान कर सकता है।
अवस्थी ने कहा कि माल ढुलाई बुकिंग भारतीय रेलवे द्वारा की जा रही है और डीएफसीसीआईएल केवल ट्रेनों को उनके गंतव्य तक पहुंचने के लिए एक स्पष्ट और सुगम मार्ग सुनिश्चित करता है।
भाषा सुरभि