सेना का बाढ़ राहत अभियान: पंजाब, जम्मू और हिमाचल प्रदेश में 5,000 से अधिक नागरिकों को बचाया गया
प्रीति माधव
- 01 Sep 2025, 09:50 PM
- Updated: 09:50 PM
चंडीगढ़, एक सितंबर (भाषा) सेना द्वारा जम्मू, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में राहत एवं बचाव अभियान शुरू किए जाने के बाद 5,000 से अधिक नागरिकों और 300 अर्धसैनिक बलों के जवानों को जलमग्न क्षेत्रों से बचाया गया है।
वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने पंचकूला के चंडीमंदिर स्थित सेना के पश्चिमी कमान मुख्यालय में मीडिया को बाढ़ प्रभावित राज्यों में व्यापक मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियानों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर लगी बाड़ को भी नुकसान पहुंचा है, न केवल पंजाब में, बल्कि जम्मू में भी।
उन्होंने बताया कि चूंकि राहत एवं बचाव कार्यों के लिए विमानों को अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब उड़ान भरने की आवश्यकता होती है, इसलिए भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई गतिविधि के बारे में जानकारी दी जा रही है जिससे लोगों को निकाला जा सके।
सेना के पश्चिमी कमान मुख्यालय में अभियान के प्रभारी मेजर जनरल पुनीत आहूजा ने कर्नल इकबाल सिंह अरोड़ा और अन्य अधिकारियों के साथ मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राहत कार्य जारी रहेंगे और फंसे हुए हर व्यक्ति को बचाया जाएगा।
सैन्य अधिकारियों ने बताया कि 5,000 से अधिक नागरिकों और 300 अर्धसैनिक बलों के जवानों को जलमग्न क्षेत्रों से बचाया गया है। भोजन के पैकेट, दवाइयां और आवश्यक वस्तुओं सहित लगभग 21 टन राहत सामग्री जमीन पर और हवाई मार्ग से राज्य के बाकि हिस्सों से कट गए गांवों तक पहुंचाई गई है।
मीडिया को बताया गया कि पंजाब के गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर और कपूरथला में अब तक 4,000 से अधिक नागरिकों को बचाया जा चुका है।
मेजर जनरल आहूजा ने एक संवाददाता के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगी बाड़ को भी नुकसान पहुंचा है, न केवल पंजाब में बल्कि जम्मू के इलाकों में भी यह क्षतिग्रस्त हुई है।
एक अधिकारी ने बताया कि तत्काल राहत पहुंचाने के लिए सेना विमानन और भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर सहित कुल 47 टुकड़ियों को सक्रिय किया गया है। अधिकारी ने कहा कि साथ ही इंजीनियर, चिकित्सा और संचार संसाधनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
कर्नल अरोड़ा बताया कि भाखड़ा नांगल बांध, रणजीत सागर बांध और अन्य सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं सहित प्रमुख बांधों पर जल स्तर की निगरानी के लिए प्रत्येक मुख्यालय पर 24 घंटे बाढ़ नियंत्रण निगरानी प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।
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