पंजाब: बाढ़ से 30 लोगों की मौत, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया
जितेंद्र सुभाष
- 03 Sep 2025, 12:02 AM
- Updated: 12:02 AM
चंडीगढ़, दो सितंबर (भाषा) पंजाब में दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ के कारण अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है और 3.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा कई मंत्रियों ने मंगलवार को प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
राज्य के अधिकारियों द्वारा एक अगस्त से एक सितंबर तक की स्थिति पर जारी बुलेटिन के अनुसार, शुरूआत में 12 जिले बाढ़ की चपेट में थे।
मंगलवार को जारी बुलेटिन के अनुसार, राज्य के सभी 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है। कुल 1,400 गांवों को प्रभावित घोषित किया गया, जिससे अब तक 3,54,626 लोग प्रभावित हुए हैं।
बुलेटिन के मुताबिक, 12 जिलों में बाढ़ के कारण 30 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं, पठानकोट में सबसे ज्यादा छह लोगों की मौत हुई है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 818 चिकित्सा दल तैनात किए गए हैं, जिनमें 458 त्वरित प्रतिक्रिया दल और 360 आवश्यक दवाओं से लैस मोबाइल चिकित्सा दल शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति चिकित्सा देखभाल के बिना न रहे।’’ मंत्री ने कहा कि प्रभावित इलाकों और आश्रय गृहों में निर्बाध उपचार प्रदान करने के लिए प्रतिदिन चिकित्सा शिविर लगाए जा रहे हैं।
अब तक बाढ़ प्रभावित इलाकों से लगभग 20,000 लोगों को निकाला जा चुका है।
पंजाब 1988 के बाद से सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है।
पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने बताया कि राज्य के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए पंजाब के सभी आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन देने का संकल्प लिया है।
उन्होंने बताया, “यह योगदान जारी राहत एवं पुनर्वास प्रयासों में सहयोग देने के लिए एक विनम्र प्रयास है।”
भारी बारिश और बाढ़ का सामना कर रहे पंजाब तथा जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए हरियाणा सरकार ने मंगलवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से दोनों राज्यों के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी की।
इस बीच, पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ प्रभावित फिरोजपुर का दौरा किया और राहत एवं पुनर्वास कार्य का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री मान ने मंगलवार को एक बार फिर केंद्र से पंजाब के 60,000 करोड़ रुपये के ‘बकाया’ कोष जारी करने की मांग करते हुए कहा कि वह क्षेत्र में बाढ़ के मद्देनजर राज्य के ‘‘अधिकारों’’ की मांग कर रहे हैं, न कि इसके लिए ‘भीख’ मांग रहे हैं।
अधिकारियों ने सोमवार को बताया था कि विनाशकारी बाढ़ में अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है और 2.56 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद सतलुज, व्यास और रावी नदियों तथा बरसाती नालों में उफान के कारण राज्य के बड़े हिस्से में बाढ़ आ गई है।
गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर सहित कुल 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
पंजाब के राज्यपाल ने मंगलवार को सीमावर्ती जिले फिरोजपुर में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की।
राज्यपाल कटारिया ने बाढ़ प्रभावित जिलों के अपने दौरे की शुरुआत फिरोजपुर से की।
उन्होंने प्रभावित परिवारों के लिए जारी राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में समयबद्ध सहायता और प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
बैठक में फिरोजपुर की उपायुक्त दीपशिखा शर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भूपिंदर सिंह भी मौजूद रहे।
अधिकारियों के अनुसार, राज्यपाल कटारिया मंगलवार को ही बाद में तरनतारन का दौरा करेंगे। वह बुधवार को अमृतसर, गुरदासपुर और पठानकोट तथा इसके अगले दिन होशियारपुर और श्री आनंदपुर साहिब का दौरा करेंगे।
कटारिया ने फिरोजपुर दौरे के दौरान बारे गांव में स्थापित राहत शिविर में रह रहे प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं।
उन्होंने हुसैनीवाला हेड वर्क्स और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) चौकी का भी निरीक्षण किया और बाद में हुसैनीवाला युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
फिरोजपुर जिले में बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करते हुए भावुक मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट के समय पंजाब हमेशा देश के साथ खड़ा रहा है और उम्मीद है कि अब देश भी उनके साथ खड़ा होगा।
उन्होंने दावा किया कि जीएसटी लागू होने से राज्य को 50,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और केंद्र के ग्रामीण विकास कोष से 8,000 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है। मान ने फिरोजपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर वे (केंद्र) दे दें, तो हम काम चला लेंगे।’’
मान ने कहा, ‘‘जब भी देश को किसी संकट का सामना करना पड़ा, पंजाब हमेशा उसके साथ खड़ा रहा - चाहे वह हरित क्रांति हो या आजादी की लड़ाई। हमने अधिकतम बलिदान दिए हैं। आज पंजाब संकट में है, और मुझे उम्मीद है कि देश उसके साथ खड़ा होगा।’’
उन्होंने राहत और बचाव कार्यों में सेना के योगदान की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना ने राहत और बचाव कार्यों में 20 हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं।
एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए मान ने कहा कि भाखड़ा, पौंग और रणजीत सागर बांध सुरक्षित हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी बातचीत के बारे में कहा, ‘‘उन्होंने स्थिति की जानकारी ली। गृह मंत्री अमित शाह ने भी फोन पर बात की है।’’
इस बीच, राज्य के कई हिस्सों में मंगलवार को भी बारिश हुई।
मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार सुबह 8:30 बजे समाप्त हुए 24 घंटे की अवधि के दौरान पंजाब के कई स्थानों पर बारिश हुई। उसने बताया कि इस अवधि के दौरान अमृतसर में 18.3 मिमी, पटियाला में 70.5 मिमी, बठिंडा में पांच मिमी, फरीदकोट में एक मिमी, गुरदासपुर में 32.8 मिमी, मनसा में 10 मिमी और मोहाली में 44.5 मिमी बारिश हुई।
लगातार हो रही भारी बारिश के साथ-साथ व्यास नदी और काली बेईं बरसाती नाले में बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर कपूरथला जिला प्रशासन ने जनता को परामर्श जारी कर नदियों के किनारे से दूर रहने को कहा है।
मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि खराब मौसम और बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए पंजाब कौशल विकास मिशन के सहयोग से चल रहे सभी 43 कौशल विकास केंद्र बुधवार तक बंद रहेंगे।
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में 174 एम्बुलेंस तैनात की गई हैं।
उन्होंने अमृतसर में कहा कि भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए), केमिस्ट एसोसिएशन, गैर सरकारी संगठनों और अन्य निकायों द्वारा 250 अतिरिक्त एम्बुलेंस मुहैया कराए गए हैं।
राज्य के मंत्रियों ने मंगलवार को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया।
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आनंदपुर साहिब में सतलुज नदी के किनारे स्थित एक दर्जन से ज़्यादा बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और खाद्य मंत्री लाल चंद कटारूचक ने पठानकोट के भोआ निर्वाचन क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया।
मुद्रण एवं लेखन सामग्री मंत्री और ‘आप’ की पंजाब इकाई के प्रमुख अमन अरोड़ा तथा जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने मकरोर साहिब के पास घग्गर और संगरूर जिले के सुनाम में सरहिंद चोई का दौरा किया।
इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने मांग की कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में आई विनाशकारी बाढ़ को ‘‘राष्ट्रीय आपदा’’ घोषित किया जाए।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा नहीं करना चाहिए?’’ उन्होंने कहा, ‘‘चूँकि वह एससीओ शिखर सम्मेलन से वापस आ गए हैं, हमें उम्मीद है कि वह पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे और राज्य के लिए तत्काल बाढ़ राहत पैकेज की घोषणा करेंगे।’’
भाषा जितेंद्र