पंजाब, हरियाणा में एक बार फिर मूसलधार बारिश; जनजीवन प्रभावित
मनीषा वैभव
- 03 Sep 2025, 12:34 PM
- Updated: 12:34 PM
चंडीगढ़, तीन सितंबर (भाषा) बाढ़ की चपेट में आए पंजाब और उसके पड़ोसी राज्य हरियाणा के कई हिस्सों में एक बार फिर मूसलधार बारिश हुई, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और जनजीवन प्रभावित हुआ है। दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में भी लगातार बारिश हो रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को सुबह 8.30 बजे तक बीते 24 घंटों के दौरान दोनों राज्यों के कई क्षेत्रों में बारिश दर्ज की गई।
पंजाब के जिन क्षेत्रों में बारिश हुई, उनमें अमृतसर में 27.6 मिमी, लुधियाना में 29.8 मिमी, पटियाला में 9.2 मिमी, पठानकोट में 41.2 मिमी, गुरदासपुर में 94.7 मिमी तथा मोहाली में 55.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।
हरियाणा में अंबाला में सबसे अधिक 105.6 मिमी, हिसार में 11.5 मिमी, करनाल में 27.8 मिमी, नारनौल में 21 मिमी, रोहतक में 10 मिमी, सिरसा में 12 मिमी, फरीदाबाद में 5 मिमी तथा पंचकूला में 57.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। चंडीगढ़ में इस दौरान 63.6 मिमी वर्षा हुई।
चंडीगढ़ में सतत वर्षा के चलते सुखना झील के तीन में से दो द्वारों (फ्लडगेट्स) को अलग-अलग समय पर खोला गया ताकि अतिरिक्त पानी को सुखना चोए के माध्यम से छोड़ा जा सके। ये द्वार सामान्यत: तब खोले जाते हैं जब जलस्तर खतरे के निशान 1,163 फुट को पार कर जाता है।
मौसम की गंभीर स्थिति को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने बुधवार को भी केंद्र शासित प्रदेश के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। इससे पहले मंगलवार को भी स्कूल बंद रहे थे।
हरियाणा में भी एहतियात के तौर पर अंबाला और पंचकूला जिलों में बुधवार को स्कूल बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। राज्य के कुछ अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी स्कूल बंद हैं।
पंचकूला और अंबाला में मंगलवार से ही लगातार भारी बारिश हो रही है। अंबाला जिले के कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, वहीं घग्गर, मार्कंडा और टांगरी नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है।
सोनीपत में बारिश के कारण कुछ स्थानों पर जलभराव देखा गया। कई सड़कों, जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं, पर यातायात प्रभावित हुआ।
पंजाब सरकार ने राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों की छुट्टियां सात सितम्बर तक बढ़ा दी हैं। इससे पहले सरकार ने तीन सितम्बर तक अवकाश घोषित किया था।
पंजाब में सतलुज, ब्यास और रावी नदियों तथा हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में इनकी सहायक नदियों में हुई भारी वर्षा के कारण आई बाढ़ से जनजीवन प्रभावित है। राज्य में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 3.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। यह जानकारी एक अगस्त से दो सितम्बर के बीच की स्थिति पर आधारित राज्य सरकार के बुलेटिन में दी गई है।
प्रभावित क्षेत्रों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), पंजाब पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं।
पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही वर्षा के चलते यमुना सहित कई नदियों का जलस्तर बढ़ा है। इस स्थिति को देखते हुए हरियाणा के यमुनानगर जिले में हथिनीकुंड बैराज के द्वार खोले गए।
सोमवार को सुबह नौ बजे हथिनीकुंड बैराज से 3,29,313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो इस मानसून में अब तक का सबसे अधिक प्रवाह है। मंगलवार सुबह यह प्रवाह 1.76 लाख क्यूसेक रहा, जबकि बुधवार सुबह 1.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
यमुना के जलग्रहण क्षेत्र में आने वाले गांवों और अन्य जिलों जैसे पानीपत, पलवल, सोनीपत और फरीदाबाद में भी प्रशासन की ओर से कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
हरियाणा के मंत्री रणबीर गंगवा ने अधिकारियों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में हालिया भारी वर्षा और जलभराव से हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं।
भाषा मनीषा