पंजाब में बाढ़: बारिश से हालात बिगड़े, स्कूल-कॉलेज सात सितंबर तक बंद
नोमान अविनाश
- 04 Sep 2025, 12:18 AM
- Updated: 12:18 AM
चंडीगढ़, तीन सितंबर (भाषा) पंजाब में भारी बारिश के कारण बुधवार को बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई और मृतकों की संख्या बढ़कर 37 हो गई, जबकि 1988 के बाद राज्य में आए सबसे भीषण सैलाब से 23 जिलों में 1.75 लाख हेक्टेयर भूमि पर लगी फसलें नष्ट हो गईं।
राज्य में बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं और अलग-अलग जगहों से मदद पहुंच रही है, ताकि 1,655 गांवों के 3.55 लाख से ज़्यादा लोगों को राहत मिल सके।
भारी बारिश के बाद रूपनगर और पटियाला जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया गया है, जबकि सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय सात सितंबर तक के लिए बंद कर दिए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। हिमालय से निकलने वाली सतलुज, व्यास और रावी नदियां तथा छोटी नदियां पहले से ही उफान पर हैं, जिससे शहर, गांव और कृषि भूमि जलमग्न हो गई है और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
पंजाब सरकार ने तत्काल राहत और पुनर्वास उपाय के रूप में 71 करोड़ रुपये जारी किए, साथ ही ‘आप’ सरकार ने दोहराया कि वह लोगों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बृहस्पतिवार को पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर फसल क्षति का जायजा लेंगे।
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल बृहस्पतिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। पार्टी ने बताया कि वह राज्य में जारी राहत कार्यों का जायजा लेंगे और प्रभावित लोगों से बातचीत करेंगे।
पंजाब में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई है।
सुबह छह बजे भाखड़ा बांध का जलस्तर 1,677.84 फुट था, जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 1,680 फुट है। बांध में 86,822 क्यूसेक पानी का प्रवाह हुआ, जबकि 65,042 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश को देखते हुए बांध से पानी छोड़ने की मात्रा 65,000 क्यूसेक से बढ़ाकर 75,000 क्यूसेक की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि नांगल के गांव जलमग्न हो सकते हैं।
रूपनगर जिला प्रशासन ने भाखड़ा बांध से पानी छोड़े जाने के मद्देनजर सतलुज नदी के पास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा है।
राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने कहा कि राज्य हाल के दशकों में सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है, जिसमें 1,75,216 हेक्टेयर कृषि भूमि पर लगी फसल के विनाश होने की सूचना है।
मंत्री ने कहा कि 12 जिलों में 37 लोगों की जान चली गई है, जबकि पठानकोट में तीन लोग लापता हैं।
पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने पठानकोट जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया ने तरनतारन जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जबकि आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने राहत कार्य के लिए अपने स्थानीय क्षेत्र विकास योजना कोष से 3.25 करोड़ रुपये देने की घोषणा की।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, सीमा सुरक्षा बल, पंजाब पुलिस और जिले के अधिकारियों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव अभियान जारी है।
पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस ने नदी किनारे और निचले इलाकों में रहने वाले श्री आनंदपुर साहिब के निवासियों से सुरक्षित स्थानों या राहत शिविरों में जाने की अपील की।
इस बीच पटियाला जिला प्रशासन ने भी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के मद्देनजर राजपुरा उप-मंडल में घग्गर नदी के निकटवर्ती गांवों के लिए अलर्ट जारी किया है।
अधिकारियों के अनुसार, अंबाला में टांगरी नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है और अंबाला तथा काला अंब में भारी बारिश के बाद पटियाला में भी इसके बढ़ने की आशंका है।
भाषा नोमान