पंजाब बाढ़: मृतकों की संख्या बढ़कर 48 हुई, स्कूल-कॉलेज आठ सितंबर से खुलेंगे
राखी संतोष
- 07 Sep 2025, 10:44 PM
- Updated: 10:44 PM
चंडीगढ़, सात सितंबर (भाषा) पंजाब में भीषण बाढ़ के कारण दो और लोगों की मौत होने से मरने वालों की संख्या 48 तक पहुंच गई है, जबकि 1.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गई हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि राज्य में सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय आठ सितंबर से खुलेंगे। बाढ़ की वजह से बीते दिनों शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए थे।
मंत्री ने कहा कि जिन स्कूलों या कॉलेजों को बाढ़ से नुकसान पहुंचा है, उनको बंद रखने पर निर्णय संबंधित उपायुक्त लेंगे।
बैंस ने बताया कि निजी स्कूल आठ सितंबर से खुल जाएंगे, जबकि सरकारी स्कूलों में कक्षाएं नौ सितंबर से शुरू होंगी।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि किसानों को अपने खेतों से वह रेत निकालने की अनुमति दी जाएगी, जो बाढ़ के कारण जमा हो गई है।
उन्होंने कहा कि खेतों में गाद और रेत का जमाव, अगली फसल बोने में किसानों की सबसे बड़ी चिंता है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), पंजाब पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी है।
अधिकारियों ने बताया कि पोंग बांध का जलस्तर करीब दो फुट घटकर 1,392.20 फुट दर्ज किया गया, हालांकि यह अब भी उसकी अधिकतम सीमा 1,390 फुट से दो फुट अधिक है। शनिवार को यह जलस्तर 1,394.19 फुट था।
सूत्रों ने बताया कि सतलुज नदी पर बने भाखड़ा बांध का जलस्तर रविवार को 1,677.98 फुट दर्ज किया गया, जबकि शनिवार को यह 1,678.14 फुट था। बांध में पानी का प्रवाह 66,891 क्यूसेक और निकासी 70,000 क्यूसेक रही।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नौ सितंबर को राज्य का दौरा करेंगे और हालात का जायजा लेंगे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान शुक्रवार को थकान और हृदय गति धीमी पड़ने की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे, लेकिन उन्होंने राहत और बचाव कार्यों की निगरानी जारी रखी है।
उन्होंने मुख्य सचिव के. ए. पी. सिन्हा, पुलिस महानिदेशक गौरव यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में मान को बताया गया कि अब तक 2,050 गांवों में करीब 20 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें से 3,87,898 लोग सीधे तौर पर विस्थापित हुए हैं। अब तक सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों से 22,938 लोगों को निकाला गया है।
राज्य सरकार ने 219 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जिनमें 5,400 से अधिक लोगों को शरण दी गई है।
मुख्य सचिव ने बताया कि अब तक 48 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पठानकोट जिले में तीन लोग अब भी लापता हैं।
आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने फाजिल्का के बाढ़ग्रस्त सीमा गांवों का दौरा किया और कहा कि पंजाब करीब एक महीने से बाढ़ से जूझ रहा है, लेकिन केंद्र सरकार तुरंत राहत देने के बजाय रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान प्रभावित इलाकों के लिए एक बड़ा राहत पैकेज घोषित करेंगे।
जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने संगरूर जिले के मकरौर साहिब पुल और टोहाना पुल का दौरा कर घग्गर नदी के किनारे बसे गांवों के लोगों से मुलाकात की।
पंजाब इस समय कई दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ आपदा का सामना कर रहा है। यह बाढ़ सतलुज, ब्यास और रावी नदियों में आए उफान और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में भारी वर्षा के कारण आई है। इसके अलावा, पंजाब में हाल की बारिश ने हालात को और बिगाड़ दिया है।
भाषा राखी