जम्मू-कश्मीर: भाजपा ने राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न को नुकसान पहुंचाने की घटना पर कार्रवाई की मांग की
जितेंद्र दिलीप
- 09 Sep 2025, 05:33 PM
- Updated: 05:33 PM
श्रीनगर, नौ सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जम्मू-कश्मीर की हजरतबल दरगाह में पिछले सप्ताह राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न को नुकसान पहुंचाने में शामिल लोगों के खिलाफ मंगलवार को कार्रवाई की मांग की और कहा कि कोई भी किसी भी रूप में देश के सम्मान के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता।
भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष सत शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, “देश के संविधान और उसके प्रतीकों की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। मैं पृष्ठभूमि में नहीं जाऊंगा, क्योंकि मैं किसी धर्म के बारे में बात नहीं करता। जैसे मेरे दिल में अपने धर्म के प्रति आस्था व सम्मान है, वैसे ही मेरा मानना है कि हर किसी के मन में अपने धर्म के प्रति ऐसी ही भावना होती है।”
उन्होंने पूछा कि क्या अशोक स्तंभ के प्रतीक चिह्न को नुकसान पहुंचाना सही है, जिसका सभी सम्मान करते हैं।
शर्मा ने कहा, “ऐसा करने वालों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई होनी चाहिए।”
हजरतबल दरगाह में शुक्रवार को अशोक स्तंभ प्रतीक चिह्न वाली एक पट्टिका को तोड़े जाने के बाद कश्मीर में विवाद खड़ा हो गया था।
ज्यादातर राजनीतिक दलों ने वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी पर मस्जिद में राष्ट्रीय चिह्न का इस्तेमाल कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर उन्हें तुरंत हटाने की मांग की। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वक्फ बोर्ड को इस गलती के लिए माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न सरकारी कार्यों के लिए है, धार्मिक संस्थाओं के लिए नहीं।
अब्दुल्ला ने पट्टिका तोड़ने वालों के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) लगाने सहित अंद्राबी की कार्रवाई की धमकी की भी निंदा की। शर्मा ने अब्दुल्ला की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि कोई भी किसी भी रूप में संवैधानिक प्रतीकों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री जो कह रहे हैं, वह उनकी सोच है। अगर उन्हें कुछ कहना ही है, तो सामने आना चाहिए। मेरा मानना है कि हम किसी भी रूप में देश के सम्मान के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते।”
शर्मा ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मेहराज मलिक को पीएसए के तहत नजरबंद किये जाने को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कहा कि दूसरों का अनादर करना या उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह दूसरे नागरिकों का सम्मान करे। मेरे धर्म और मेरे परिवार ने मुझे दूसरों का सम्मान करना सिखाया है।”
शर्मा ने कहा, “संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को विशेष रूप से ऐसा करना चाहिए। आप वरिष्ठों से प्रेरणा लेते हैं, लेकिन किसी का अनादर करना या दूसरों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना सही नहीं है। इससे बचना चाहिए।’’
भाषा जितेंद्र