‘इंटरवल रनिंग’ भी सेहत के लिए बेहद उपयोगी
द कन्वरसेशन मनीषा पवनेश
- 12 Sep 2025, 05:11 PM
- Updated: 05:11 PM
(क्रिस्टोफर गैफनी, लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी)
लैंकेस्टर (ब्रिटेन), 12 सितंबर (द कन्वरसेशन) दौड़ना न केवल बीमारियों से बचाव करता है, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है बल्कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को भी धीमा करता है। इसके बावजूद लगभग 31 प्रतिशत लोग पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं कर रहे हैं, जिसमें दौड़ना भी शामिल है। इसकी सबसे आम वजह 'समय की कमी' बताई जाती है।
लेकिन एक नई पद्धति ‘‘इंटरवल रनिंग’’ के ज़रिये कम समय में भी दौड़ने के समान लाभ पाए जा सकते हैं। यह जानकारी ब्रिटेन स्थित लैंकेस्टर विश्वविद्यालय के एक अध्ययन से सामने आई है।
इंटरवल रनिंग वास्तव में हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (एचआईआईटी) का एक हिस्सा है, जिसमें तीव्र गति से दौड़ने के छोटे सत्रों के बाद विश्राम या धीमी गति से दौड़ने का समय शामिल होता है। यह पद्धति पिछले कुछ वर्षों में टबाटा और क्रॉसफिट जैसे वर्कआउट्स के ज़रिये लोकप्रिय हुई है।
कैसे काम करता है इंटरवल रनिंग :
एचआईआईटी में, उदाहरण के तौर पर, 30 सेकंड तक तेज़ गति से दौड़ने के बाद 30 सेकंड का आराम किया जाता है। यह प्रक्रिया कई बार दोहराई जाती है।
इसी सिद्धांत को दौड़ने में शामिल करते हुए, “10-20-30 विधि” अपनाई जा सकती है, जिसमें पहले 30 सेकंड तक चलना या हल्की दौड़, फिर 20 सेकंड तक मध्यम गति की दौड़ और फिर 10 सेकंड की तेज़ स्प्रिंटिंग यानी तेज गति से दौड़ शामिल होती है।
“फार्टलेक” स्वीडिश शब्द है जिसका अर्थ ‘स्पीड प्ले’ होता है। व्यायाम के लिए यह विधि भी एक आसान तरीका है जिसमें धीमी दौड़ के बीच-बीच में कुछ सेकंड की तेज़ दौड़ शामिल होती है।
शोध में सामने आए लाभ :
इंटरवल रनिंग हृदय संबंधी सेहत, मेटाबॉलिक स्वास्थ्य और शारीरिक संरचना (वसा की मात्रा और वितरण) में बेहतर सुधार लाती है।
मोटे और अधिक वजन वाले लोगों में, स्प्रिंट करने पर सेहत में ज़्यादा सुधार देखा गया, जो शरीर की ऑक्सीजन उपयोग क्षमता को दर्शाता है।
नियमित धावकों में, 12 सप्ताह की एचआईआईटी ट्रेनिंग ने उनकी ऑक्सीजन के अधिक उपभाग की क्षमता को लंबे समय तक दौड़ने की तुलना में अधिक बेहतर किया। यह हृदय क्षमता का एक प्रमुख संकेतक है।
एचआईआईटी, ब्लड शुगर कंट्रोल और डायबिटीज के जोखिम को कम करने में लगातार चलने की तुलना में अधिक असरदार साबित हुआ।
यह पद्धति खराब कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को भी बेहतर तरीके से नियंत्रित करती है।
खास बात यह है कि इंटरवल रनिंग कम समय में ये सभी फायदे दे सकती है। सप्ताह में केवल तीन बार 18 मिनट की स्प्रिंटिंग भी सकारात्मक असर डाल सकती है।
कैसे करें शुरुआत :
सड़क पर दौड़ते समय एक लैंपपोस्ट से दूसरे तक स्प्रिंट करें, फिर अगली दूरी तक धीरे चलें। यह फार्टलेक का एक उदाहरण है।
जिम में ट्रेडमिल के इंटरवल प्रोग्राम्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।
स्प्रिंट कुछ सेकंड से लेकर दो मिनट तक किए जा सकते हैं। उद्देश्य यह होना चाहिए कि हृदय गति आपकी अधिकतम क्षमता के 90 फीसदी तक पहुंचे।
शुरुआत में धीरे-धीरे गतिविधि बढ़ानी चाहिए। यदि लंबे समय से निष्क्रिय रहे हैं, तो तुरंत इंटरवल रनिंग शुरू करना सही नहीं होगा।
मधुमेह (डायबिटीज़) के मरीजों को, एचआईआईटी शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि इससे ब्लड शुगर अस्थायी रूप से बढ़ सकता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि यदि कोई स्प्रिंट करने में रुचि नहीं रखता, तो वह “10-20-30” पद्धति या “जेफिंग” (थोड़ा दौड़ो, थोड़ा चलो) जैसे आसान विकल्पों से शुरुआत कर सकता है। नियमित दौड़ में थोड़ी सी तीव्रता जोड़कर भी स्वास्थ्य पर बड़ा सकारात्मक असर डाला जा सकता है।
द कन्वरसेशन मनीषा