भूपेन हजारिका के गीत भारत को एकजुट करते हैं : प्रधानमंत्री मोदी
देवेंद्र राजकुमार
- 13 Sep 2025, 11:58 PM
- Updated: 11:58 PM
(तस्वीरों के साथ)
गुवाहाटी, 13 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि ‘भारत रत्न’ से अलंकृत भूपेन हजारिका के गीत आज भी भारत को एकजुट करते हैं और लोगों में ऊर्जा का संचार करते हैं।
हजारिका के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनका संगीत ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा को समाहित करता है।
उन्होंने कहा, “आज भूपेन दा भले ही शारीरिक रूप से मौजूद नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज लोगों को ऊर्जा देती है। उनके गीत भारत को एकता के सूत्र में पिरोते हैं। उनका संगीत ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा को समेटे हुए है। वह भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में रचे-बसे थे।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि हजारिका ने “उस समय एकजुट पूर्वोत्तर के लिए आवाज उठाई, जब क्षेत्र में हिंसा का दौर चरम पर था।”
मोदी ने कहा कि भूपेन हजारिका को ‘भारत रत्न’ से अंलकृत किया जाना पूरे भारत खासकर पूर्वोत्तर का सम्मान था।
उन्होंने कहा, “हजारिका को ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया जाना केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश और खासतौर पर पूर्वोत्तर के लिए सम्मान का विषय है।”
मोदी ने देश के विकास में सांस्कृतिक संपर्क के महत्व पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा, “पूर्वोत्तर की प्रगति के बिना हम देश के विकास की कल्पना नहीं कर सकते। केंद्र सरकार सांस्कृतिक संपर्क पर जोर दे रही है, जिससे पूरा देश पूर्वोत्तर के इतिहास और विरासत से परिचित हो रहा है।”
हजारिका को भारत की एकता और अखंडता का महान समर्थक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों पहले, जब पूर्वोत्तर उपेक्षा का शिकार था और हिंसा एवं अलगाववाद में घिरा हुआ था, तब यही वह महान व्यक्ति थे जिन्होंने भारत की एकता को आवाज देना जारी रखा।
मोदी ने कहा, ‘‘भूपेन दा ने एक समृद्ध पूर्वोत्तर का सपना देखा था और इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता के गुण गाए थे। जब हम ‘असोम आमार रूपोही’ (असम हमारी सुंदर भूमि है) गीत गुनगुनाते हैं, तो हमें असम की विविधता, शक्ति और क्षमता पर गर्व होता है।’’
उन्होंने कहा कि असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने वाले देश के सबसे लंबे पुलों में से एक का नाम हजारिका के नाम पर रखा गया है।
प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के समृद्ध इतिहास और त्योहारों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘असम और पूर्वोत्तर ने हमेशा भारत की सांस्कृतिक विविधता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।’’
उन्होंने कहा कि भारत के लोगों की भावना और संकल्प अभी भी दृढ़ और अटूट है, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान स्पष्ट हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों का निर्णायक जवाब दिया और देश की ताकत का डंका पूरी दुनिया में बजा। हमने दिखा दिया है कि देश का कोई भी दुश्मन किसी भी कोने में सुरक्षित नहीं रहेगा और नया भारत किसी भी परिस्थिति में अपनी सुरक्षा या गौरव से समझौता नहीं करेगा।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हजारिका ने नए भारत का जो सपना देखा था, वह अब राष्ट्र का सामूहिक संकल्प बन गया है।
इस मौके पर मोदी ने महान गायक की जीवनी ‘भारत रत्न भूपेन हजारिका’ का विमोचन किया, जिसे साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता अनुराधा शर्मा पुजारी ने लिखा है। उन्होंने हजारिका की याद में 100 रुपये का विशेष सिक्का भी जारी किया।
मोदी ने असम की अपनी दो दिवसीय यात्रा की शुरुआत संगीत सम्राट को श्रद्धांजलि अर्पित करके की।
उन्होंने कहा, “मैं असम में भूपेन हजारिका के जन्म शताब्दी समारोह का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।”
समारोह की शुरुआत 1,200 कलाकारों की ओर से हजारिका को दी गई 18 मिनट की संगीतमय श्रद्धांजलि के साथ हुई। इसके तहत कलाकारों ने असमिया, बांग्ला, हिंदी और अंग्रेजी में हजारिका के 14 सदाबहार गीतों को प्रस्तुत किया।
समारोह में हजारिका के जीवन पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।
राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने ‘मुगा’ गमोसा, पारंपरिक ‘होराई’ और हजारिका का चित्र भेंट करके मोदी का स्वागत किया।
समारोह में मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, असम के मंत्री, भाजपा सांसद, विधायक और सरकारी अधिकारी उपस्थित थे।
हजारिका के बेटे तेज, परिवार के सदस्य और उनसे जुड़े अन्य लोग भी समारोह में शामिल हुए।
भाषा
देवेंद्र