तेलंगाना: ओवैसी ने पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट मैच खेलने के फैसले पर केंद्र की आलोचना की
जितेंद्र दिलीप
- 14 Sep 2025, 03:37 PM
- Updated: 03:37 PM
हैदराबाद, 14 सितंबर (भाषा) ऑल इंडिया मजलिस - ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एशिया कप में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान की कीमत ज्यादा है या मैच से हुई कमाई की।
उन्होंने शनिवार देर रात यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते, आतंक और बातचीत मुमकिन नहीं है।
ओवैसी ने कहा, “बीसीसीआई को एक क्रिकेट मैच से कितना पैसा मिलेगा, 2,000 करोड़ रुपये, 3,000 करोड़ रुपये? हमें बताएं कि हमारे 26 नागरिकों की जान की कीमत ज्यादा है या पैसे की? भाजपा को हमें (पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलने के फैसले पर) इस बारे में बताना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा ‘देश भक्ति’ की बात करती है, लेकिन जब क्रिकेट मैचों की बात आती है, तो वह रुख बदल लेती है।
ओवैसी ने कहा कि एआईएमआईएम हमेशा पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के साथ खड़ी रही है।
उन्होंने आरोप लगाया, “यह मैच कैसे हो रहा है? इसे खेला ही नहीं जाना चाहिए। जब हम सिंधु जल संधि के तहत पानी रोक सकते हैं, तो फिर हम खेल कैसे सकते हैं। हम भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से पूछना चाहते हैं: उन 26 लोगों की जान की कीमत क्या है? भाजपा और संघ को जान गंवाने वाले लोग नहीं दिख रहे हैं, बस पैसा कमाना है।”
एशिया कप में भारत और पाकिस्तान रविवार शाम दुबई में आमने-सामने होंगे।
मई में सीमा संघर्ष बढ़ने के बाद से यह दोनों टीम के बीच पहला मैच होगा।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को एक आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों के मारे जाने के बाद भारत ने मई में पाकिस्तान में आतंकी ढांचों पर हमले किए थे।
एआईएमआईएम प्रमुख ने देश के विभाजन से संबंधित एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में बदलाव करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोला।
उन्होंने कहा, “मुसलमानों को विभाजन के लिए दोषी ठहराया जा रहा है। हम जिम्मेदार नहीं हैं। सावरकर ने ही सबसे पहले ‘दो समुदायों’ की बात की थी और विभाजन के नारे दिए थे। माउंटबेटन और तत्कालीन कांग्रेस सरकार विभाजन के लिए जिम्मेदार थे। गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या क्यों की, यह भी एनसीईआरटी से हटा दिया गया।”
भाषा जितेंद्र