उत्तर प्रदेश के बागपत में नए आपराधिक कानूनों का ज्ञान परखने के लिए पुलिसकर्मियों की खास परीक्षा ली गई
नोमान देवेंद्र
- 14 Sep 2025, 09:10 PM
- Updated: 09:10 PM
बागपत/लखनऊ, 14 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के पुलिस अधीक्षक ने उप निरीक्षकों और निरीक्षकों को जांच के प्रति जागरूक करने और अदालतों में मामलों की प्रभावी पैरवी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक खास तरह की परीक्षा आयोजित की।
बागपत जिला मुख्यालय के पुलिस लाइन को परीक्षा केन्द्र बनाया गया जिसमें 260 परीक्षार्थी शामिल हुए। परीक्षा में 75 वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे गए। कक्ष निरीक्षकों की कड़ी निगरानी में एक घंटे की परीक्षा संपन्न हुई।
पुलिस निरीक्षक और उप-निरीक्षक इस परीक्षा के परीक्षार्थी थे। बागपत जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और इस परीक्षा के आयोजक सूरज कुमार राय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, "अपनी तरह की इस पहली परीक्षा का उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन नए कानूनों भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के बारे में जांचकर्ताओं (पुलिस अधिकारियों) के ज्ञान का आकलन करना था।"
सात सितंबर को सुबह सात बजे से एक घंटे की परीक्षा आयोजित करने का विचार राय के मन में तब आया जब उन्होंने पाया कि कई जांच अधिकारी (आईओ) मामलों की प्रभावी ढंग से जांच करने और अदालत में दोषसिद्धि सुनिश्चित करने में विफल रहे।
राय ने कहा, "इस कमी को दूर करने के लिए, हमने 'बौद्धिक क्षमता परीक्षा' की योजना बनाई।" उन्होंने कहा कि जो लोग उच्च अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण करेंगे, उन्हें महत्वपूर्ण मामलों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
एसपी ने कहा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि पुलिसकर्मियों को फोरेंसिक, साइबर अपराध, कानून का ज्ञान, आउटडोर पुलिसिंग और ड्राफ्टिंग जैसे क्षेत्रों में उनकी योग्यता के अनुरूप कार्य सौंपे जाएं।
राय ने कहा, "जिन परीक्षार्थियों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, उन्हें हमारे प्रशिक्षण प्रकोष्ठ में प्रशिक्षित किया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि वह 42 महिला पुलिसकर्मियों समेत 260 परीक्षार्थियों के प्रदर्शन का "प्रत्यक्ष" अंदाजा लगाने के लिए स्वयं उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कर रहे हैं।
राय ने कहा, "अब हमारी योजना नियमित रूप से ऐसी परीक्षाएं आयोजित करने की है।"
परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों के कथित इस्तेमाल के वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने पर एसपी ने कहा, "हम इसकी जांच कर रहे हैं।"
परीक्षा देने वाले बागपत के कोतवाल दीक्षित कुमार ने पुलिस अधीक्षक की पहल की सराहना की।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ''इस परीक्षा में गहन जांच पर जोर देते हुए दिन-प्रतिदिन की पुलिसिंग के सभी पहलुओं का परीक्षण किया गया। सभी विषयों को शामिल किया गया, जिनकी एक जांच अधिकारी को जानकारी होनी चाहिए।''
उन्होंने कहा कि परीक्षाएं 'विस्तृत' थीं और पुलिसकर्मियों का परीक्षण इस प्रकार किया गया ताकि 'अधिकतम दोषसिद्धि' सुनिश्चित की जा सके।
इस परीक्षा में महिलाओं से संबंधित अपराधों की जांच और नए कानूनों का ज्ञान भी शामिल था।
साल 1994 में पुलिस बल में कांस्टेबल के रूप में प्रवेश करने वाले बड़ौत के थानाध्यक्ष मनोज कुमार चहन ने इस परीक्षा के अपने अनुभव साझा करते हुए 'पीटीआई—भाषा' को बताया, ''मैंने आखिरी परीक्षा 2011-12 में दी थी। नए कानून लागू होने के बाद यह पहली ऐसी परीक्षा थी।''
उन्होंने कहा कि परीक्षा में लीक से हटकर प्रश्न पूछे गए थे और व्यावहारिक पहलू (पुलिसिंग) का परीक्षण किया गया था।
भाषा अरुणव आनन्द
नोमान