'भयमुक्त कारोबार' का नया केंद्र बना उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री
सलीम रंजन
- 15 Sep 2025, 07:26 PM
- Updated: 07:26 PM
लखनऊ, 15 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को दावा किया कि उनकी सरकार ने पिछले साढ़े आठ वर्षों में उद्यमियों को सुरक्षा का माहौल दिया है और इसकी वजह से यह राज्य 'फियरलेस बिजनेस' (भयमुक्त कारोबार) का केंद्र बन चुका है।
मुख्यमंत्री ने राजधानी लखनऊ में आयोजित सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रदर्शनी में विभिन्न स्टार्टअप उत्पादों का अवलोकन किया और अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों और भविष्य की दिशा को सबके सामने रखा।
आदित्यनाथ ने दावा करते हुए कहा, ''उत्तर प्रदेश ने बीते साढ़े आठ वर्षों में सुरक्षा का उत्कृष्ट वातावरण दिया है। फियरलेस बिजनेस का केंद्र उत्तर प्रदेश बन चुका है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी यूपी आज अग्रणी है। अब ट्रस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस उत्तर प्रदेश की नई पहचान है। व्यवसाय के लिए सुरक्षा, सुगमता और मजबूत इको सिस्टम जरूरी है और यह तीनों आज उत्तर प्रदेश में मौजूद हैं।''
उन्होंने कहा, ''प्रदेश सरकार केवल नीतियां नहीं बना रही, बल्कि युवाओं, उद्यमियों और वैज्ञानिकों के विचारों को पंख दे रही है। सरकार हर योग्य स्टार्टअप के साथ खड़ी है। हम प्रयोगशाला से उद्योग तक युवाओं का साथ दे रहे हैं। हर शोध उत्पाद बने, हर उत्पाद उद्योग बने और हर उद्योग भारत की शक्ति बने। यही विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश का मंत्र है।''
आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत में 'स्टार्टअप इकोसिस्टम' तेजी से बढ़ा है। आज भारत में एक लाख 90 हजार स्टार्टअप हैं और हम अमेरिका व ब्रिटेन के बाद तीसरे स्थान पर हैं। प्रदेश में 17 हजार से अधिक स्टार्टअप सक्रिय हैं। इनमें आठ यूनिकॉर्न शामिल हैं। यहां 72 इनक्यूबेटर्स और सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित हो चुके हैं। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने 137 करोड़ रुपये की सहायता भी उपलब्ध कराई है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश स्टार्टअप्स और युवा उद्यमियों के लिए सही पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करके नवाचार और वैश्विक प्रौद्योगिकी का केंद्र बनने की दिशा में काम कर रहा है।
अपनी सरकार की एमएसएमई और ओडीओपी पहलों का उल्लेख करते हुए, आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से राज्य से श्रमिकों का पलायन कम हुआ है। उन्होंने कहा, ''आज, राज्य में 96 लाख एमएसएमई इकाइयाँ पंजीकृत हैं, जो दो करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं और सालाना 2 लाख करोड़ रुपये का निर्यात करती हैं।''
उन्होंने कहा कि एक ज़िला एक उत्पाद योजना के तहत 77 उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त हुए हैं और वे वैश्विक बाज़ारों से जुड़े हैं, जिससे स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है।
भाषा सलीम