गोरखपुर में संदिग्ध पशु तस्करों ने की युवक की हत्या, चौकी में तैनात सभी पुलिसकर्मी निलंबित
सं आनन्द सलीम अमित
- 17 Sep 2025, 12:15 AM
- Updated: 12:15 AM
गोरखपुर (उप्र), 16 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में पिपराइच थानाक्षेत्र के मऊआचापी गांव में देर रात ग्रामीणों के साथ झड़प के दौरान पशु तस्करों ने कथित तौर पर एक युवक की हत्या कर दी। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में भी अपराध चरम पर है। वहीं, देर शाम जंगल धूसर पुलिस चौकी के प्रभारी समेत सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
पुलिस के अनुसार मृत युवक की पहचान दीपक कुमार गुप्ता (20) के रूप में हुई है, जिसका रक्तरंजित शव गांव से करीब चार किलोमीटर दूर बरामद किया गया। परिजनों ने बताया कि दीपक मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए नीट की तैयारी कर रहा था।
गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राज करन नैयर ने इस मामले में पिपराइच थाने की जंगल धूसर पुलिस चौकी के प्रभारी और पूरे स्टाफ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने और मनमानी के आरोप में की गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय से प्राप्त सूचना के मुताबिक पुलिस चौकी के सभी निलंबित कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिये गये हैं।
नैयर ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि तस्करों द्वारा ट्रक से दीपक को धक्का दिए जाने और उसके सिर में गंभीर चोट लगने के बाद उसकी मौत हुई होगी। उन्होंने कहा, ‘‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारण की पुष्टि होगी। मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस की पांच टीम आरोपियों की तलाश में जुटी हैं।’’
पुलिस के अनुसार इस विवाद में ग्रामीणों की पिटाई से एक तस्कर गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों के पथराव में पुलिस का एक अधिकारी भी घायल हो गया।
मंगलवार तड़के युवक की मौत की खबर फैलते ही तनाव उत्पन्न हो गया। गुस्साये ग्रामीणों ने गोरखपुर-पिपराइच मार्ग जाम कर दिया, पुलिस पर पथराव किया और यातायात ठप कर दिया। वरिष्ठ अधिकारियों के आश्वासन के बाद पांच घंटे बाद जाम हटाया जा सका। मौके पर पुलिस बल और पीएसी तैनात कर दी गई है।
पुलिस के अनुसार घटनाओं का सिलसिला सोमवार देर रात शुरू हुआ जब दो वाहनों से 10-12 तस्कर आए और कथित तौर पर दुर्गेश गुप्ता की फर्नीचर की दुकान तोड़ने की कोशिश की। पुलिस के अनुसार इस दुकान की ऊपरी मंजिल पर एक ट्रैवल एजेंसी थी जहां उनका एक रिश्तेदार सो रहा था। पुलिस के अनुसार शटर तोड़ने की आवाज़ सुनकर, उसने दुर्गेश के बेटे दीपक को सूचित किया।
पुलिस के मुताबिक दीपक शोर मचाते हुए स्कूटर से मौके पर पहुंचा और लगभग 10-15 गांव वाले उसके पीछे दौड़े। पुलिस के अनुसार घबराकर तस्करों ने गोलियां चला दीं और भागने की कोशिश की। पुलिस के अनुसार अफरा-तफरी में, उन्होंने दीपक को अपनी एक गाड़ी में घसीट लिया और भाग निकले। पुलिस के अनुसार इस बीच, गांव वालों ने एक तस्कर को पकड़ लिया, उसकी गाड़ी में आग लगा दी और उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी।
पुलिस के अनुसार जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और उसने घायल व्यक्ति को बचाने की कोशिश की, तो स्थानीय लोगों ने उसपर पथराव किया और झड़प भी हुई। पुलिस के अनुसार इस झड़प में एसपी (उत्तर) जितेंद्र श्रीवास्तव और पिपराइच थान प्रभारी (एसएचओ) गंभीर रूप से घायल हो गए।
बाद में पुलिस ने लगभग चार किलोमीटर दूर दीपक का खून से लथपथ शव बरामद किया, जिससे इलाके में आक्रोश फैल गया। इसके बाद करीब पांच घंटे तक यातायात बाधित रखा गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि ‘‘दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’’
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) शिव एस. चन्नप्पा और एसएसपी राज करण नैयर ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और त्वरित कार्रवाई का वादा किया।
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने घटना को ‘‘बेहद दुखद’’ बताया और कहा कि लगातार कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक आरोपी पकड़ा गया है। हमने परिवार से बात की है और उनकी मांगों पर चर्चा की है। स्थानीय और उच्च स्तर पर जो भी सहायता प्रदान की जा सकती है, वह सुनिश्चित की जाएगी। सबसे पहले, पोस्टमॉर्टम किया जाएगा और अंतिम संस्कार किया जाएगा। उसके बाद हम परिवार के साथ फिर से बातचीत करेंगे।’’
दीपक की मां ने रोते-बिलखते अपने बेटे के हत्यारों को मौत की सजा देने की मांग की। घायल तस्कर अभी अस्पताल में भर्ती है।
मंगलवार दोपहर बाद जब दीपक का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए उसके गाँव पहुँचा तो माहौल और भी अशांत हो गया। सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हो गए और रोती-बिलखती महिलाओं ने पीएसी कर्मियों पर पथराव किया, जिससे उन्हें पीछे हटना पड़ा।
इसके पहले, दीपक के शोकाकुल पिता ने रोते हुए चिता को मुखाग्नि दी। डीआईजी चन्नप्पा और एसएसपी नैय्यर स्थिति पर नज़र रखने के लिए गाँव में तैनात रहे।
एसएसपी नैय्यर ने पुष्टि की कि वीडियोग्राफी के तहत पोस्टमॉर्टम किया गया और मौत का कारण सिर में गंभीर चोट थी। उन्होंने गोली लगने की अफवाहों का खंडन किया।
उन्होंने कहा कि "शरीर पर गोली लगने के कोई निशान नहीं मिले हैं। आरोपी पशु तस्कर हैं और उनके पिछले आपराधिक रिकॉर्ड की जाँच की जा रही है। छह संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और पुलिस की पांच टीम आरोपियों की तलाश कर रही हैं।"
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने घटना में ग्रामीणों के प्रदर्शन का 18 सेकेंड का एक वीडियो ‘एक्स’ पर साझा करते हुए लिखा, ‘‘गोरखपुर में शासनिक-प्रशासनिक मिलीभगत से सत्ता संरक्षित पशु तस्करों के ख़िलाफ़ जनता का जो गुस्सा फूटा है, उसके लिए जिम्मेदार भाजपा सरकार ख़ुद है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के ‘मुख्यनगर’ (मुख्यमंत्री का गृह जिला) में ऐसा हो रहा है तो इसका मतलब है कि इस गोरखधंधे में किसी की मुख्य साझेदारी है या उसके हाथ से यह नगर भी निकल गया है। पूरे उत्तर प्रदेश की तरह गोरखपुर में भी अपराध चरम पर है।’’
सपा प्रमुख ने कहा ‘‘मृतक के पीड़ित परिजनों को न्याय मिले। भाजपा जाए तो इंसाफ़ आए।’’
भाषा सं आनन्द सलीम