केंद्र सरकार ने चुनाव के दौरान घोषित परियोजनाओं के वित्तपोषण के वास्ते काफी कर्ज लिया: गोखले
देवेंद्र नरेश
- 17 Sep 2025, 05:00 PM
- Updated: 05:00 PM
नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से घोषित परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंकों से ‘‘बहुत अधिक’’ धन उधार लिया है और भारत के लोग आने वाले दशकों तक इस विदेशी ऋण को चुकाते रहेंगे।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि भारत ने पिछले सात वर्षों में विदेशी बैंकों से 91 अरब अमेरिकी डॉलर उधार लिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आज मोदी के जन्मदिन पर सरकार लोगों को ‘उपहार’ के रूप में बड़ी परियोजनाओं की घोषणा करेगी। जब भी राज्य में चुनाव होते हैं, मोदी नियमित रूप से चुनाव प्रचार के लिए आते हैं और लाखों करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा करते हैं।’’
गोखले ने कहा, ‘‘पिछले सात वर्षों में मोदी सरकार ने चुनावों के दौरान घोषित परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंकों से बहुत अधिक धन उधार लिया है।’’
टीएमसी नेता ने दिसंबर, 2023 में वित्त मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में लिखित उत्तर में विदेशी बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों और बैंकों से लिए गए ऋणों के बारे में दिए गए आंकड़े भी साझा किये।
गोखले ने कहा, ‘‘भारत ने केवल सात वर्षों में विदेशी बैंकों से 91 अरब डॉलर उधार लिए हैं। आठ वर्षों में आठ लाख करोड़ रुपये का विदेशी कर्ज यानी औसतन 1.2 लाख करोड़ रुपये प्रति वर्ष हुआ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस राशि पर भारत 45,000 करोड़ रुपये का वार्षिक ब्याज चुकाता है। यह केवल ब्याज है। वास्तविक ऋण मूलधन का भुगतान अलग है।’’
उन्होंने कहा कि 2018 से लिए गए इस विदेशी ऋण पर चुकाया जाने वाला 45,000 करोड़ रुपये का वार्षिक ब्याज भारत के ‘‘उच्च शिक्षा पर पूरे वार्षिक बजट’’ के बराबर है।
टीएमसी सांसद ने आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों से मोदी सरकार ने ‘‘करों के माध्यम से लोगों का खून चूसा है’’।
गोखले ने पोस्ट में कहा, ‘‘इतना ही नहीं, मोदी सरकार विदेशी संस्थाओं से भी भारी मात्रा में कर्ज ले रही है। इस भारी विदेशी कर्ज का बोझ कौन उठाएगा?’’
उन्होंने कहा कि भारत के लोग मोदी के चुनावी वादों की कीमत चुका रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सबसे दुखद बात यह है कि चुनाव खत्म होते ही मोदी के वादे भुला दिए जाते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत केवल मोदी के झूठे चुनावी वादों को पूरा करने के लिए अरबों डॉलर उधार ले रहा है। और भारत के लोग आने वाले दशकों तक इस विदेशी ऋण को चुकाते रहेंगे।’’
भाषा
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