यूरोपीय संघ ने भारत के साथ रणनीतिक संबंधों के लिए नया एजेंडा पेश किया
मनीषा सुमित देवेंद्र नरेश
- 18 Sep 2025, 03:22 PM
- Updated: 03:22 PM
नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) यूरोपीय संघ (ईयू) ने रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों में भारत के साथ अपने संबंधों को विस्तार देने के लिए बुधवार को एक नया रणनीतिक एजेंडा पेश किया।
इस बीच 27 देशों वाले इस समूह के विदेश और सुरक्षा नीति मामलों की प्रमुख काजा कल्लास ने कहा कि भारत के सैन्य अभ्यास और रूसी तेल की खरीद ‘‘घनिष्ठ संबंधों के रास्ते में बाधा बन रहे हैं।’’
ईयू ने कहा कि बदलती भू-राजनीतिक वास्तविकताओं के मद्देनजर भारत के साथ उसकी घनिष्ठ साझेदारी तेजी से महत्वपूर्ण होती जा रही है और दोनों पक्षों के लिए आर्थिक विकास और सुरक्षा को मजबूत करना जरूरी है।
‘न्यू स्ट्रेटेजिक ईयू-इंडिया एजेंडा’ पेश किये जाने के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने वर्ष के अंत तक बहुप्रतीक्षित भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
यूरोपीय संघ की शीर्ष नेता ने मोदी को बुधवार को उनके जन्मदिन पर बधाई देने के लिए फोन किया था।
उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने नये रणनीतिक एजेंडे पर कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि भरोसेमंद साझेदारों पर ध्यान केंद्रित किया जाये तथा साझा हितों और समान मूल्यों पर आधारित साझेदारियों को दोगुना किया जाये।’’
यूरोपीय आयोग प्रमुख के साथ फोन पर बातचीत में मोदी ने यूरोपीय संघ द्वारा नये रणनीतिक एजेंडे को अपनाने के लिए अपनी ओर से सराहना की, जिसका उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को ‘‘मजबूत, व्यापक और बेहतर ढंग से समन्वित" करना है।
नया दस्तावेज ब्रुसेल्स में यूरोपीय आयोग और यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति की उच्च प्रतिनिधि काजा कल्लास द्वारा जारी किया गया।
कल्लास ने कहा, ‘‘रूस के सैन्य अभ्यासों में भारत की भागीदारी और रूसी तेल की खरीद, हमारे घनिष्ठ संबंधों में बाधा बन रहे हैं। क्योंकि हमारी साझेदारी केवल व्यापार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा के लिए भी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी वार्ता 2026 की शुरुआत में यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन में एक संयुक्त रूपरेखा अपनाने के उद्देश्य से इन चुनौतियों का समाधान करेगी।’’
ईयू ने कहा कि नया एजेंडा दोनों पक्षों के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि इसका उद्देश्य द्विपक्षीय सहयोग को ‘‘मजबूत, व्यापक और बेहतर समन्वित’’ करना, दोनों भागीदारों के लिए समृद्धि और सुरक्षा को बढ़ाना और प्रमुख वैश्विक चुनौतियों से निपटने में मदद करना है।
उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि नया एजेंडा व्यापार, निवेश और प्रतिभा गतिशीलता को आगे बढ़ाना, संयुक्त आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करना और रक्षा क्षेत्र में औद्योगिक सहयोग को गहरा करना होगा।
नये दस्तावेज को जारी करने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘यूरोप पहले से ही भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और हम इस वर्ष के अंत तक अपने मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यूरोप व्यापार के लिए खुला है और हम भारत के साथ अपने साझा भविष्य में निवेश करने के लिए तैयार हैं।’’
नए रणनीतिक एजेंडे को यूरोपीय संघ के सभी 27 सदस्य देशों द्वारा अनुमोदित किया जाना होगा। अनुमोदन प्रक्रिया के बाद, इसे अगले वर्ष होने वाले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में अपनाया जायेगा।
नये रणनीतिक एजेंडे में साझा हित के पांच क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनमें सुरक्षा, ‘कनेक्टिविटी’ और वैश्विक मुद्दे, समृद्धि, स्थिरता, प्रौद्योगिकी और नवाचार शामिल हैं।
यूरोपीय संघ ने कहा, ‘‘द्विपक्षीय आयाम से परे, नया रणनीतिक एजेंडा वैश्विक मुद्दों पर और तीसरे भागीदारों के साथ यूरोपीय संघ-भारत की संयुक्त भागीदारी पर प्रकाश डालता है, जो भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है।’’
दस्तावेज में समुद्री सुरक्षा, साइबर रक्षा और आतंकवाद-रोधी अभियान की दिशा में सहयोग बढ़ाने के क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया है।
इसमें कहा गया है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में घनिष्ठ सहयोग, खतरों से निपटना, अंतरिक्ष सुरक्षा, तथा यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध और प्रतिबंधों पर गहन सहयोग ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
हालांकि, रणनीतिक एजेंडे में प्रतिबंधों के संदर्भ में विस्तार से नहीं बताया गया है।
भाषा
मनीषा सुमित देवेंद्र