उपभोक्ता आयोग ने मर्सिडीज-बेंज को 1.78 करोड़ रुपये से अधिक की खरीद राशि वापस करने को कहा
पाण्डेय
- 19 Sep 2025, 11:10 AM
- Updated: 11:10 AM
नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) दिल्ली की एक उपभोक्ता अदालत ने मर्सिडीज-बेंज को एक इलेक्ट्रिक कार की 1.78 करोड़ रुपये से अधिक की खरीद राशि वापस करने का निर्देश दिया है।
उपभोक्ता आयोग ने साथ ही निर्माण दोष को ठीक न करके मानसिक पीड़ा पहुंचाने के लिए एक शिकायतकर्ता को पांच लाख रुपये देने का भी निर्देश भी दिया।
दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग एक शिकायत पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि खरीदी गई इलेक्ट्रिक कार को चार बार वर्कशॉप भेजा गया और अक्टूबर 2023 में मरम्मत के लिए सौंपे जाने के बाद भी वाहन कंपनी के कब्जे में रहा।
पुणे स्थित मर्सिडीज-बेंज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसके अधिकृत फ्रैंचाइजी पार्टनर ग्लोबल स्टार ऑटो एलएलपी, ओखला, के खिलाफ शिकायत में कहा गया कि कानूनी नोटिस का कोई जवाब नहीं मिला और विरोधी पक्ष सेवा में कमी के लिए उत्तरदायी हैं।
आयोग की अध्यक्ष न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल और न्यायिक सदस्य पिंकी ने 12 सितंबर के अपने आदेश में कहा, ''विरोधी पक्षों की स्वीकारोक्ति के आधार पर, यह स्पष्ट है कि विचाराधीन कार को खरीद की तारीख (दो नवंबर, 2022) से एक साल की छोटी अवधि के भीतर कई बार मरम्मत के लिए भेजा गया था।''
आयोग ने कहा, ''इससे यह स्थापित होता है कि विचाराधीन वाहन में खराबी निर्माण संबंधी दोष के कारण उत्पन्न हुई थी।''
आयोग ने कहा कि ''दोषपूर्ण कार'' को बदलना निर्माता (मर्सिडीज-बेंज) का कर्तव्य था, लेकिन उसने इसे नहीं बदला, न ही कंपनी ने निर्माण संबंधी दोषों को दूर किया।''
आयोग ने कहा कि कार अभी भी ओखला वर्कशॉप में है और वाहन का मॉडल बंद कर दिया गया है।
आयोग ने कहा कि इन परिस्थितियों में शिकायतकर्ता को उक्त वाहन की पूरी खरीद कीमत वापस करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
इसके बाद आयोग ने निर्माता को लगभग 1.78 करोड़ रुपये की पूरी खरीद राशि वापस करने का निर्देश दिया, जिसमें एक्स-शोरूम कीमत, बीमा राशि, स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस), बीमा, रोड टैक्स, अन्य वैधानिक शुल्क और ऋण पर ब्याज शामिल है।
इसके अलावा शिकायतकर्ता को मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए पांच लाख रुपये और मुकदमे की लागत के लिए 50,000 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करने को भी कहा गया।
भाषा