पहलगाम हमला: विशेष अदालत ने जांच की अवधि और आरोपियों की हिरासत बढ़ाई
देवेंद्र अविनाश
- 19 Sep 2025, 03:50 PM
- Updated: 03:50 PM
जम्मू, 19 सितंबर (भाषा) जम्मू की एक विशेष एनआईए अदालत ने अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादियों को शरण देने के आरोप में गिरफ्तार दो आरोपियों की हिरासत अवधि निर्धारित 90 दिन से आगे और 45 दिन के लिए बढ़ा दी है।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के विशेष न्यायाधीश संदीप गंडोत्रा ने 18 सितंबर को पहलगाम के बैसरन निवासी बशीर अहमद जोथत और पहलगाम के बटकोट निवासी परवेज अहमद की रिमांड अवधि बढ़ा दी।
अदालत ने आरोपों, जांच की प्रगति और लंबित फॉरेंसिक रिपोर्ट के मद्देनजर हिरासत और जांच की अवधि बढ़ाने के पक्ष में फैसला दिया।
आदेश में कहा गया है कि मामले की जांच के लिए आरोपियों बशीर अहमद जोथत और परवेज अहमद की हिरासत और 45 दिन के लिए बढ़ाई जाती है।
अदालत ने जांच अधिकारी को जल्द से जल्द जांच पूरी करने का निर्देश दिया। दोनों आरोपियों की जांच के लिए 90 दिन की रिमांड और 10 दिन की न्यायिक हिरासत की अवधि शुक्रवार को समाप्त होने वाली थी।
अधिकारियों ने बताया कि पहले की हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद, परवेज अहमद और बशीर अहमद जोथत को 18 सितंबर को ऑनलाइन तरीके से अदालत में पेश किया गया, जिसने जांच और हिरासत की अवधि बढ़ा दी ताकि एनआईए अपनी जांच पूरी कर सके।
अदालत ने कहा कि कई गवाहों के बयान और फॉरेंसिक रिपोर्ट लंबित हैं।
एनआईए का प्रतिनिधित्व कर रहे लोक अभियोजक चंदन कुमार सिंह ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत हिरासत की अवधि 90 से बढ़ाकर 180 दिन करने का अनुरोध करते हुए एक आवेदन दायर किया था।
जांच के दौरान और अधिक संदिग्धों के सामने आने का दावा किया गया है। इसके अलावा 28 जुलाई की मुठभेड़ में कुछ सामग्री बरामद की गई है। इस मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए थे।
सिंह ने कहा कि जोथत और अहमद की निशानदेही पर कुछ कंबल, शॉल और चादरें बरामद की गईं और इन्हें मारे गए आतंकवादियों से मिलान के लिए डीएनए जांच की खातिर सीएफएसएल चंडीगढ़ भेजा गया।
उन्होंने कहा, ‘‘इसकी रिपोर्ट का अभी इंतजार है।’’
एनआईए के अनुसार आरोपियों ने हमले में शामिल तीन सशस्त्र आतंकवादियों की पहचान का खुलासा किया और पुष्टि की कि वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे।
संघीय एजेंसी ने आरोप लगाया कि परवेज और बशीर ने 22 अप्रैल के हमले से पहले पहलगाम के हिल पार्क में एक झोपड़ी में जानबूझकर आतंकवादियों को शरण दी थी।
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गये थे और 16 अन्य घायल हो गये थे।
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