आरएसएस विभाजनकारी विचारधारा को त्यागकर महात्मा गांधी के आदर्शों को अपनाए: सपकाल
सुभाष नरेश
- 19 Sep 2025, 07:26 PM
- Updated: 07:26 PM
मुंबई, 19 सितंबर (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने शुक्रवार को कहा कि आरएसएस को अपने शताब्दी वर्ष में ‘‘विभाजनकारी विचारधारा’’ को त्यागकर संविधान में निहित और महात्मा गांधी द्वारा प्रसारित समानता, बंधुत्व और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को अपनाना चाहिए।
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष की शुरूआत विजयदशमी के दिन 2 अक्टूबर को होने वाली है, जो प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण है।
सपकाल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निर्वाचन आयोग (ईसीआई) का ‘‘बिचौलिया’’ होने का भी आरोप लगाया।
सपकाल ने कहा, ‘‘आरएसएस को अब अपनी जहरीली और सांप्रदायिक विचारधारा को त्यागकर संविधान को राष्ट्र के मार्गदर्शक दस्तावेज के रूप में स्वीकार कर लेना चाहिए। (पूर्व आरएसएस प्रमुख दिवंगत एम.एस.) गोलवलकर ने स्वयं डॉ भीम राव आंबेडकर को पत्र लिखकर कहा था कि आरएसएस मनुस्मृति-आधारित व्यवस्था की अपेक्षा रखता था, लेकिन भारत ने संविधान को चुना। उनकी विचारधारा 'हम कुछ चुनिंदा लोगों' की बात करती है, जबकि हमारा संविधान 'हम लोग' की बात करता है।’’
उन्होंने कहा कि आजादी के पांच दशक बाद तक आरएसएस ने अपने कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज तक नहीं फहराया।
उन्होंने कहा, ‘‘उनका मूल ग्रंथ, 'बंच ऑफ थॉट्स' (गोलवलकर द्वारा लिखित), संघ और भाजपा की वैचारिक बाइबल बना हुआ है। लेकिन अब समय आ गया है कि वे संवैधानिक मूल्यों को स्वीकार करें।’’
सपकाल ने घोषणा की कि महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की पहल पर, कांग्रेस 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक 'संविधान सत्याग्रह यात्रा' का आयोजन करेगी। यह यात्रा नागपुर की दीक्षाभूमि से शुरू होकर वर्धा के सेवाग्राम में समाप्त होगी।
सपकाल ने कहा, ‘‘हम इस यात्रा के दौरान आरएसएस को संविधान की एक प्रति भी भेंट करेंगे।’’
राहुल गांधी द्वारा लगाए गए चुनावी धांधली के आरोपों पर सपकाल ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता ने महाराष्ट्र के राजुरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में वोट चोरी के सबूत पेश किए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद, मुख्यमंत्री फडणवीस, जिनके पास गृह विभाग भी है, निर्वाचन आयोग के लिए बिचौलिये की तरह काम कर रहे हैं। उन्हें यह ‘‘दलाली’’ बंद करनी चाहिए।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘वह एक 'चोर मुख्यमंत्री' के सिवा कुछ नहीं हैं।’’
भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर द्वारा वरिष्ठ राकांपा नेता जयंत पाटिल के खिलाफ की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सपकाल ने कहा, ‘‘पहले नेताओं के साथ कवि, विचारक और सभ्य लोग हुआ करते थे, लेकिन फडणवीस ने अपने साथ अभद्र और विकृत लोगों को रखा है। पाटिल के खिलाफ टिप्पणी अभद्रता की पराकाष्ठा है।’’
इस बीच, पनवेल से भाजपा पार्षद हरीश केनी, रविकांत म्हात्रे और कैलास घरात अपने समर्थकों के साथ सपकाल की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो गए।
भाषा सुभाष