वाराणसी में पुलिस उत्पीड़न के विरोध में अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार जारी रखा
सं आनन्द राजकुमार
- 20 Sep 2025, 08:45 PM
- Updated: 08:45 PM
वाराणसी (उप्र), 20 सितंबर (भाषा) वाराणसी कचहरी में वकीलों और पुलिस के बीच चल रहे विवाद के बाद अधिवक्ताओं ने शनिवार को भी न्यायिक कार्य का बहिष्कार जारी रखा।
कचहरी परिसर में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात है। अधिवक्ता कार्य बहिष्कार के साथ पुलिस प्रशासन के विरुद्ध लगातार नारेबाजी करते रहे। सैकड़ों अधिवक्ता ‘झूठे’ मामलों और पुलिस के ‘दुर्व्यवहार’ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
शनिवार को एक प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन में अधिवक्ताओं ने हथकड़ी और काली पट्टियां पहनकर नारे लगाए और चेतावनी दी कि अगर मनगढ़ंत मामले वापस नहीं लिए गए तो आंदोलन और तेज हो जाएगा।
अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा, ‘‘हम डरते नहीं हैं। पुलिस हमारे खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने की धमकी दे रही है, लेकिन हम जेल जाने को तैयार हैं। यह एक प्रतीकात्मक विरोध है, अब आंदोलन और आक्रामक होगा।’’
इस विवाद ने अब राजनीतिक ध्यान आकर्षित कर लिया है। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
राय ने कहा कि वाराणसी के प्रतिनिधि होने के नाते मोदी का कर्तव्य है कि वह इस मामले को सुलझाएं।
उन्होंने राज्य सरकार की ‘‘घोर असंवेदनशीलता’’ और चुप्पी की आलोचना की।
उन्होंने वकीलों, पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के बीच बातचीत का आह्वान किया तथा अधिवक्ताओं की सुरक्षा की गारंटी की मांग की।
समाजवादी पार्टी के विधानपरिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू करने की मांग की है।
सिन्हा के पत्र में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि पुलिस द्वारा वकीलों का कथित उत्पीड़न कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है और न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है।
यह विरोध प्रदर्शन पिछले कुछ महीनों में हुई कई घटनाओं के बाद शुरू हुआ है, जिनमें सोमवार को भेलूपुर इलाके में पुलिस अधिकारियों द्वारा अधिवक्ता शिव प्रताप सिंह पर कथित हमला भी शामिल है। हालांकि, पुलिस का दावा है कि वकीलों के एक समूह ने मंगलवार को अदालत परिसर में उप-निरीक्षक मिथिलेश कुमार प्रजापति पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था। इस मामले में, दस नामज़द और 50 से ज़्यादा अज्ञात वकीलों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
इसके बाद, वकीलों ने एडीसीपी नीतू और कैंट थाना प्रभारी शिवकांत मिश्रा समेत वरिष्ठ अधिकारियों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया। अधिवक्ता राघवेंद्र नारायण दुबे ने इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और सीसीटीवी फुटेज की जांच की मांग करते हुए अदालत में याचिका दायर की है।
भाषा सं आनन्द