विपक्ष में एच-1बी वीजा मामले को लेकर प्रधानमंत्री पर 'कमजोर और बेबस' होने का आरोप लगाया
हक माधव पवनेश
- 20 Sep 2025, 09:21 PM
- Updated: 09:21 PM
नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) विपक्ष ने अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा पर एक लाख डॉलर (88 लाख रुपये) का शुल्क लगाए जाने के बाद शनिवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी "कमजोर" हैं और बेबस नजर आ रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘कुछ गैर आप्रवासी कामगारों के प्रवेश पर रोक’ संबंधी सरकारी आदेश पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए। इस फैसले के तहत उन कामगारों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी, जिनके एच1बी आवेदन के साथ एक लाख अमेरिकी डॉलर का भुगतान नहीं किया गया होगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जुलाई, 2017 में 'एक्स' (उस समय के ट्विटर) पर किए गए अपने एक पोस्ट को साझा करते हुए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उस पोस्ट में भी कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी पर "कमजोर प्रधानमंत्री" होने का आरोप लगाया था।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने शनिवार को दावा किया, "मैं इस बात को दोहराता हूं, भारत के पास एक कमजोर प्रधानमंत्री है।"
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि "गले लगना और मोदी-मोदी के नारे लगवाना" विदेश नीति नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि विदेश नीति में राष्ट्रीय हितों को सर्वोच्च रखना चाहिए तथा किसी से मित्रता को विवेक एवं संतुलन के साथ आगे बढ़ाना चाहिए।
खरगे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "नरेन्द्र मोदी जी, आपके जन्मदिन पर फोन कॉल के बाद आपको जो जवाबी तोहफा मिला है उससे भारतीय नागरिकों को दुख होता है। यह आपकी "अबकी बार, ट्रंप सरकार" की ओर से जन्मदिन का जवाबी तोहफा है।"
उन्होंने दावा किया कि एच -1बी वीजा पर एक लाख डॉलर वार्षिक शुल्क, भारतीय तकनीकी कर्मचारियों को सबसे अधिक प्रभावित करने वाला है क्योंकि, एच-1बी वीजा धारकों में से 70 प्रतिशत भारतीय हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "50 प्रतिशत टैरिफ पहले ही लगाया जा चुका है, अकेले 10 क्षेत्रों में भारत को 2.17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहले से ही अनुमानित है। अमेरिका का "हायर" अधिनियम भारतीय आउटसोर्सिंग को लक्षित करता है।"
उन्होंने कहा, "भारतीय राष्ट्रीय हित सर्वोच्च हैं। गले मिलना, खोखले नारे, संगीत कार्यक्रम और लोगों से "मोदी, मोदी" के नारे लगवाना विदेश नीति नहीं है।"
खरगे के अनुसार, विदेश नीति भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के बारे में है और भारत को प्रथम रखते हुए, मित्रता को विवेक और संतुलन के साथ आगे बढ़ाना होगा।
उन्होंने कहा, "इसे सतही दिखावे तक सीमित नहीं किया जा सकता, जिससे हमारी दीर्घकालिक स्थिति कमजोर होने का खतरा है।"
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर बेबस होने का आरोप लगाया।
उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "प्रधानमंत्री जी, कुछ तो करो। 140 करोड़ लोगों का प्रधानमंत्री आख़िर इतना बेबस क्यों है? क्या आपसे कुछ भी संभल नहीं रहा है? "
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कह, "मेरी शिकायत ट्रंप से नहीं है, उन्होंने वही किया जो वह चाहते थे। मेरा विरोध इस सरकार से है। "
उन्होंने सवाल किया, "आपने हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप से क्या हासिल किया? मैडिसन स्क्वायर गार्डन में जितने भी एनआरआई इकट्ठा हुए, उनसे क्या हासिल हुआ?"
ओवैसी ने दावा किया, " हम अमेरिका के रणनीतिक साझेदार हैं और अगर वे हमें सहयोगी के रूप में नहीं देखते हैं, तो यह इस सरकार की विफलता है।"
उन्होंने दावा किया कि इस सरकार में भारत वैश्विक मंच पर तेजी से अलग-थलग पड़ रहा है।
शिवसेना (उबाठा) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि उन्हें भारत सरकार से इस बात की कोई उम्मीद नहीं है कि वह एच1-बी पर नई अमेरिकी नीति पर कोई जवाब देगी।
उनका कहना है, "हालांकि, मुझे उम्मीद है कि वे चुनौती का सामना करेंगे और भारतीय कॉरपोरेट घराने भी ऐसा करेंगे।"
भाषा हक माधव