परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं के लिए विदेशों में यूरेनियम संपत्तियों का अधिग्रहण करेगी एनटीपीसी
अजय अजय
- 21 Sep 2025, 11:40 AM
- Updated: 11:40 AM
(अभिषेक सोनकर)
नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) घरेलू बिजली कंपनी एनटीपीसी अपनी भविष्य की परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं के लिए ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विदेशों में यूरेनियम संपत्तियों का अधिग्रहण करने की योजना बना रही है। एनटीपीसी इस समय स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में विविधता लाने की दिशा में काम कर रही है। कंपनी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी के अनुसार, 1975 में ताप बिजली संयंत्र के रूप में स्थापित एनटीपीसी लिमिटेड (पूर्व में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) ने अपनी क्षमता में वृद्धि की है और साथ ही वह ऊर्जा उत्पादन के नए तरीकों में भी विविधता लेकर आई है।
एनटीपीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक की समूह के स्तर पर कोयला, गैस/तरल ईंधन, जल और सौर जैसे ईंधन स्रोतों के आधार पर 83,026 मेगावाट की स्थापित क्षमता है।
अपनी जीवाश्म ईंधन पर आधारित बिजली उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए कंपनी भारत में विभिन्न स्थानों पर संयुक्त उद्यम और अकेले दोनों तरीकों से परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है।
अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ईंधन के लिए, हम विदेशों में यूरेनियम संपत्तियों के अधिग्रहण की संभावना तलाश रहे हैं। इस दिशा में विदेशों में यूरेनियम संपत्तियों की संयुक्त तकनीकी-वाणिज्यिक जांच-परख के लिए हमारे बोर्ड ने यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के मसौदे को पहले ही मंजूरी दे दी है।’’
यूरेनियम, एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला धात्विक तत्व है, जिसका उपयोग परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है।
एनटीपीसी के जल्द ही परमाणु ऊर्जा कारोबार में उतरने की उम्मीद है। इसके लिए वह न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के साथ एक संयुक्त उद्यम ‘अणुशक्ति विद्युत निगम लिमिटेड (अश्विनी)’ के माध्यम से राजस्थान में 2,800 मेगावाट (मेगावाट) माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना शुरू करेगी। इस संयुक्त उद्यम में एनपीसीआईएल की 51 प्रतिशत और एनटीपीसी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसका गठन परमाणु ऊर्जा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार भारत में परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने, स्वामित्व और संचालन करने के लिए किया गया था।
इस साल जनवरी में, एनटीपीसी ने अलग-अलग परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं की संभावनाएं तलाशने के लिए अपनी अनुषंगी कंपनी एनटीपीसी परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीयूएनएल) की स्थापना की। इसके अलावा, एनटीपीसी अपनी परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए विभिन्न परमाणु प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और राज्य सरकारों के साथ सहयोग कर रही है।
अधिकारी के अनुसार, सरकारी स्वामित्व वाली बिजली कंपनी उन्नत परमाणु ऊर्जा (एएनईईएल) ईंधन के विकास/स्थापना की संभावना तलाशने के लिए अमेरिका स्थित क्लीन कोर थोरियम एनर्जी (सीसीटीई) के साथ भी चर्चा कर रही है। सरकार का लक्ष्य 2047 तक 100 गीगावाट की परमाणु ऊर्जा क्षमता स्थापित करना है, ताकि भारत के ऊर्जा मिश्रण में इसकी हिस्सेदारी बढ़ सके।
मार्च, 2025 तक, देश की कुल स्थापित ऊर्जा क्षमता 4,75,212 मेगावाट है, जिसमें से केवल दो प्रतिशत या 8,180 मेगावाट हिस्सा परमाणु ऊर्जा का है।
अधिकारी ने आगे कहा कि सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में भले ही काफी वृद्धि हुई है, लेकिन ये भारत की 24 घंटे बिजली की मांग को पूरा नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके उलट परमाणु ऊर्जा एक बेहतर विकल्प है, जो कम कार्बन उत्सर्जन के साथ भरोसेमंद, उच्च गुणवत्ता वाली बिजली उपलब्ध कराता है।’’
भाषा अजय