गोवा के एक गांव में हाथी ने बनाया अड्डा, ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय
यासिर नेत्रपाल
- 21 Sep 2025, 04:41 PM
- Updated: 04:41 PM
(रूपेश सामंत)
परनेम (गोवा), 21 सितंबर (भाषा) गोवा स्थित एक शांत गांव में पिछले चार दिन से ओमकार नाम का 10 वर्षीय हाथी फसलों को बरबाद कर रहा है जिससे वहां भय और चिंता का माहौल है।
अपने पांच सदस्यों के झुंड से अलग होकर ओमकार महाराष्ट्र की सीमा से गोवा में प्रवेश कर गया और तब से परनेम तालुका के ताम्बोक्सम के हरे-भरे धान के खेतों में चारा खोज रहा है।
ग्रामीण लोग गोवा के जंगलों में ओमकार को उसके परिवार के साथ फिर से मिलाने का रास्ता खोजने के लिए संघर्ष कर रहे है।
तैयार हो चुकी फसलों के बीच चरते हुए इस युवा हाथी को देखकर ग्रामीणों में चिंता की स्थिति पैदा हो गई है। ग्रामीणों को डर है कि ओमकार जल्द ही उनके घरों में घुस सकता है।
गोवा के वन संरक्षक (वन्यजीव) नवीन कुमार ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हाथी का अपने परिवार से संपर्क टूट गया जिसके बाद वह भटक गया।
उन्होंने उन स्थानों का निरीक्षण किया जहां ओमकार गांव में आने के बाद घूम रहा था। निरीक्षण के बाद नवीन कुमार ने कहा, ‘‘हाथी को उसके परिवार से मिलाने के लिए कर्नाटक के वन अधिकारियों से मदद ली जाएगी।’’
वन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हाथी गणेश और बाहुबली तथा तीन बच्चों समेत झुंड के बाकी सदस्य संभवतः महाराष्ट्र के डोडामार्ग के जंगलों में घूम रहे हैं और यह जंगल ताम्बोक्सम से 20 किलोमीटर दूर है।
फ़िलहाल, ओमकार ने ताम्बोक्सम को अपना अस्थायी घर बना लिया है। वन विभाग ने विशालकाय जानवर पर नज़र रखने और रिहायशी इलाकों में किसी भी तरह उसके प्रवेश को रोकने के लिए गांव के किनारे एक शिविर लगाया है।
स्थानीय पंचायत सदस्य दयानंद गवंडी ने कहा, ‘‘हाथी गांव में ही है और धान के खेत घरों से ज्यादा दूर नहीं हैं। गांव और धान के खेतों को एक छोटी सी नदी अलग करती है, जो ओमकार के लिए लक्ष्मण रेखा बन गई है।’’
लेकिन सुरक्षा की अदृश्य रेखा नाज़ुक लगती है। गांव वाले हमेशा इस डर में रहते हैं कि कहीं ओमकार कोई नुकसान न पहुंचा दे।
गोवा के वन मंत्री विश्वजीत राणे ने बेंगलुरु में कर्नाटक के अपने समकक्ष ईश्वर खांड्रे से मुलाकात के बाद पुष्टि की कि फसल को नुकसान पहुंचाने वाले ओमकार के पुनर्वास के लिए पड़ोसी राज्य से सहायता मांगी जा रही है।
भाषा यासिर