ठाणे में किया गया मेट्रो लाइन 4 और 4ए का प्रायोगिक परीक्षण
यासिर माधव
- 22 Sep 2025, 04:13 PM
- Updated: 04:13 PM
ठाणे, 22 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे में मेट्रो लाइन-4 और 4ए के प्रथम चरण का प्रायोगिक परीक्षण (ट्रायल रन) सोमवार को किया गया और इस दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस परियोजना से मुंबई महानगर क्षेत्र में यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
मुख्यमंत्री फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने गायमुख जंक्शन और विजय गार्डन के बीच चार किलोमीटर लंबे मार्ग पर मेट्रो की सवारी की।
फडणवीस ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि मेट्रो लाइन के इस मार्ग को अगले साल के अंत तक पूरा किया जाए हालांकि कुछ काम अगले साल तक जारी रह सकते हैं लेकिन एक बार सभी काम पूरे हो जाने के बाद यह देश का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क होगा।’’
उन्होंने कहा कि मोगरपाड़ा में 45 एकड़ भूमि पर एक डिपो भी बनाया जा रहा है जो मेट्रो रूट 4, 4ए, 10 और 11 की सेवा प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सेवाओं से प्रतिदिन कम से कम 22 लाख लोगों के लाभान्वित होने की उम्मीद है और उन लोगों की यात्रा समय में 50 से 75 प्रतिशत तक की बचत होगी।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना में लगभग 16 हजार करोड़ रुपये का खर्च किया गया है।
मेट्रो लाइन 4 और 4ए 35.20 किलोमीटर लंबी है जो मुंबई के वडाला, घाटकोपर और मुलुंड इलाकों को ठाणे के कासारवडावली और गायमुख से जोड़ेगी।
फडणवीस ने मेट्रो कार्यों में देरी और लागत वृद्धि के लिए पिछली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछली सरकार ने मेट्रो समेत महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर रोक लगा दी थी जिस कारण ढाई साल से अधिक समय की देरी हुई और लागत बढ़ गई। तैयार होने के बाद इस लाइन में आठ प्रमुख ‘इंटरचेंज’ भी होंगे जो पूरे मुंबई महानगर क्षेत्र में नेटवर्क को निर्बाध रूप से जोड़ेंगे।’’
उपमुख्यमंत्री के साथ ही मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभालने वाले शिंदे ने कहा, ‘‘तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के कार्यकाल में ठाणे से सौतेला व्यवहार किया गया। बढ़ती आबादी और संपर्क की ज़रूरत के बावजूद ठाणे की मेट्रो की मांगों को नजरअंदाज किया गया। हमें कई बाधाओं का सामना करना पड़ा, यहां तक कि परियोजनाओं को स्थगित भी करना पड़ा, लेकिन महायुति सरकार के लगातार प्रयासों के कारण परियोजनाएं अब मजबूती से पटरी पर लौट रही हैं।’’
परीक्षण पूरा होने के साथ एमएमआरडीए अब ‘इंडिपेंडेंट सेफ्टी असेसर’ (आईएसए) प्रमाणन प्राप्त करने की प्रक्रिया करेगा जिसके बाद मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) से अनिवार्य अनुमोदन प्राप्त होगा।
भाषा यासिर