वेदांता को झटका, सरकार का खंभात की खाड़ी के तेल और गैस ब्लॉक के लिए अनुबंध बढ़ाने से इनकार
पाण्डेय अजय
- 22 Sep 2025, 05:02 PM
- Updated: 05:02 PM
नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) खनन दिग्गज अनिल अग्रवाल के समूह को झटका देते हुए सरकार ने खंभात की खाड़ी के एक प्रमुख तेल और गैस ब्लॉक के लिए अनुबंध बढ़ाने से इनकार कर दिया है।
मुंबई में सूचीबद्ध वेदांता लिमिटेड की एक इकाई- वेदांता केयर्न ऑयल एंड गैस गुजरात अपतटीय ब्लॉक सीबी-ओएस/2 में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ उसकी परिचालक थी।
इस ब्लॉक में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली सरकारी कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने शेयर बाजार को बताया कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 19 सितंबर को एक पत्र में भागीदारों को बताया कि सीबी-ओएस/2 के लिए उत्पादन साझाकरण अनुबंध (पीएससी) बढ़ाने का आवेदन स्वीकार नहीं किया गया है।
ओएनजीसी, जिसे अंतरिम अवधि में परिचालन संभालने के लिए कहा गया है, ने इस कदम का कारण नहीं बताया।
पीएससी सरकार और एक संसाधन निकालने वाली कंपनी के बीच एक समझौता है। यह कंपनी को लागत वसूल होने के बाद तय समय तक संसाधनों की खोज, विकास और उत्पादन का अधिकार देता है।
सीबी-ओएस/2 ब्लॉक में लक्ष्मी और गौरी क्षेत्र हैं और यह वर्तमान में प्रतिदिन 3,400 बैरल तेल और 3.4 लाख मानक घन मीटर गैस का उत्पादन करता है।
अग्रवाल के समूह ने जब 2011 में 8.67 अरब अमेरिकी डॉलर में केयर्न इंडिया का अधिग्रहण किया था, तब यह ब्लॉक उसके द्वारा संचालित तीन संपत्तियों में से एक था।
केयर्न इंडिया की अन्य संपत्तियां राजस्थान में बाड़मेर तेल क्षेत्र और आंध्र तट से दूर कृष्णा गोदावरी घाटी में रावा तेल और गैस क्षेत्र थे। केयर्न इंडिया का 2017 में वेदांता लिमिटेड में विलय हो गया था।
सरकार और वेदांता केयर्न राजस्थान ब्लॉक से पेट्रोलियम लाभ की गणना सहित कई विवादों में उलझे हुए हैं।
इस कदम पर टिप्पणी करते हुए वेदांता केयर्न ऑयल एंड गैस के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उक्त ब्लॉक के ठेकेदार ओएनजीसी, वेदांता और इनवेनायर थे। ओएनजीसी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी शेयरधारक थी, और शेष हिस्सेदारी वेदांता और इनवेनायर के बीच थी। इस ब्लॉक का वेदांता के समग्र एबिटडा में 0.3 प्रतिशत से भी कम योगदान था।’’
ओएनजीसी ने बताया कि उसे सरकारी प्रतिनिधि के रूप में ब्लॉक से जुड़े सभी डेटा, परिसंपत्तियों, संचालन और जिम्मेदारियों का नियंत्रण अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया गया है।
कंपनी ने बताया कि वह ब्लॉक का नियंत्रण अपने हाथ में ले रही है।
भाषा पाण्डेय