पुलिस वाले बनकर 1.4 करोड़ रुपये का सोना लूटने के मामले में तीन गिरफ्तार
वैभव नरेश
- 22 Sep 2025, 06:53 PM
- Updated: 06:53 PM
नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) पुलिसकर्मी बनकर एक आभूषण की दुकान में लूटपाट करने और 20 लाख रुपये नकद और 1.4 करोड़ रुपये मूल्य का सोना लेकर भागने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान प्रशांत राज कुमार कदम (25), शुभम राजा राम कांबले (25) और आभूषण की दुकान के कर्मचारी विकास केदार (30) के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, यह घटना 15 सितंबर को शाहदरा के फर्श बाजार में घटी, जब दो लोग पुलिसकर्मी बनकर दुकान में घुसे और कीमती गहने लेकर फरार हो गए। उन्होंने 20 लाख रुपये नकद और 1.4 किलोग्राम सोना लूट लिया, जिसकी कीमत लगभग 1.4 करोड़ रुपये है।
जांच के दौरान, पुलिस ने विकास को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) संजीव कुमार यादव ने बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र में प्रशांत और शुभम का भी पता लगाया और स्थानीय पुलिस की मदद से उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘पूछताछ के दौरान, प्रशांत ने खुलासा किया कि जीवन और विकास उसके दोस्त हैं, जिनसे उसकी मुलाकात लगभग तीन साल पहले सांगली में एक रक्तदान शिविर में हुई थी।’’
घटना से लगभग 15-20 दिन पहले, विकास ने अपने साथी जीवन के साथ मिलकर प्रशांत से संपर्क किया और दिल्ली में अपने मालिक की आभूषणों की दुकान में डकैती डालने की योजना बनाई।
उन्होंने सुझाव दिया कि कर्मचारियों के किसी तरह के विरोध से बचने के लिए पुलिस का भेष धारण करके डकैती की जाए। इस योजना को अंजाम देने के लिए प्रशांत ने अपने दोस्त शुभम को शामिल किया।
डीसीपी ने बताया, ‘‘13 सितंबर को, प्रशांत और शुभम गोवा एक्सप्रेस से महाराष्ट्र के सांगली से निकले और 15 सितंबर को दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पहुंचे।’’
रेलवे स्टेशन से, प्रशांत ने विकास को फोन किया, जिसने उन्हें शाहदरा मेट्रो स्टेशन पहुंचने का निर्देश दिया। वहां पहुंचने पर, विकास ने सोशल मीडिया पर एक कॉल के जरिए उन्हें बारी-बारी से दुकान तक पहुंचने का रास्ता बताया।
उसने उन्हें पास में ही इंतजार करने और उस समय धावा बोलने का निर्देश दिया जब दुकान मालिक दोपहर के भोजन के लिए निकल रहे हों।
उन्होंने बताया, ‘‘दोपहर करीब डेढ़ बजे, जब मालिक शंकर पुजारी दोपहर के भोजन के लिए गए थे, तो प्रशांत और शुभम पुलिस अधिकारी बनकर दुकान में घुसे और डकैती की। दोनों ऑटो-रिक्शा से उत्तम नगर गए, जहां से उन्होंने जयपुर के लिए टैक्सी किराए पर ली।’’
जयपुर पहुंचने के बाद, विकास ने प्रशांत और शुभम को मुंबई जाने वाली बस में बिठा दिया, जबकि वह खुद जयपुर में ही रुका रहा। उन्होंने बताया कि इसके बाद, विकास ने अपने मालिक को फोन किया और शक दूर करने के लिए अपने ही अपहरण और डकैती की झूठी कहानी गढ़ी।
डीसीपी यादव ने बताया कि इस पर पुलिस जयपुर पहुंची और विकास को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। हालांकि, पूछताछ के दौरान उसने बार-बार झूठी जानकारी देकर पुलिस को गुमराह किया।
टीम द्वारा की गई लगातार और गहन पूछताछ के बाद विकास ने आखिरकार अपना अपराध कबूल कर लिया और इस डकैती की साजिश और उसे अंजाम देने में अपनी सक्रिय संलिप्तता स्वीकार की।
पुलिस को अभी तक जीवन की अपराध में संलिप्तता का पता नहीं चल पाया है। डीसीपी यादव ने बताया कि आगे की जांच जारी है।
भाषा वैभव