केंद्र ने जीएसटी दरें घटाकर वित्तीय बोझ राज्यों पर डाला : मु्ख्यमंत्री ममता बनर्जी
जितेंद्र दिलीप
- 22 Sep 2025, 06:56 PM
- Updated: 06:56 PM
कोलकाता, 22 सितंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर माल एवं सेवा (जीएसटी) कर की दरें घटाकर वित्तीय बोझ राज्यों पर डालने और इसका ‘अनुचित श्रेय’ लेने का आरोप लगाया।
ममता ने यहां दुर्गा पूजा के मौके पर एक समारोह का उद्घाटन करने के बाद कहा हालांकि जीएसटी कम करने से राज्य को 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा, फिर भी वह इस फैसले का स्वागत करती हैं, क्योंकि इससे आम आदमी को फायदा होगा।
नयी जीएसटी दरें सोमवार से पूरे देश में लागू हो गयीं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने ही (लोगों पर) अतिरिक्त जीएसटी बोझ हटाने की मांग की थी और केंद्र को इसका अनुचित श्रेय नहीं लेना चाहिए। केंद्र को एक पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ेगा। हर राज्य को राजस्व नुकसान से निपटने के तरीके खोजने होंगे।”
ममता ने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही जीएसटी कम करने के बाद राज्य के रुख पर अखबारों में विज्ञापन जारी करेगी। उन्होंने पूछा, “20,000 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान के बाद हमें पैसा कैसे मिलेगा?”
मुख्यमंत्री ने रविवार को भी जीएसटी कम करने का अनुचित श्रेय लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना की थी।
मोदी ने 21 सितंबर को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि सोमवार को ‘नवरात्र’ के पहले दिन से ‘जीएसटी बचत उत्सव’ शुरू होगा, जो आयकर छूट के साथ मिलकर अधिकांश लोगों के लिए ‘डबल बोनैंजा’ (दोहरा लाभ) होगा।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि राज्य में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई विभिन्न समुदायों के लोग दुर्गा पूजा उत्सव में भाग लेते हैं।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ने कहा, “विविधता में एकता ही हमारी ताकत है।”
ममता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित कुछ राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासियों का कथित तौर पर उत्पीड़न किये जाने के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा, “मुझे हर भाषा से प्यार है, लेकिन मैं अपनी भाषा का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती।”
उन्होंने कहा कि किसी को भी धार्मिक विभाजन के बीज नहीं बोने चाहिए, क्योंकि दुर्गा, वैष्णो देवी और काली एक ही देवी हैं। ममता ने कहा, “जब हर धर्म अपने-अपने रास्तों से ईश्वर तक पहुंचने की बात करता है, तो हमें गुटों में क्यों बंटना और लड़ना चाहिए?”
मुख्यमंत्री ने जनता से उन लोगों से भी सतर्क रहने को कहा, जो उन्हें बांटने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, “कृपया दूसरों का, उनकी संस्कृति, बोली और विरासत का सम्मान करें। हमें बांटने वालों के षड्यंत्रों का शिकार न बनें। कृपया किसी का अपमान न करें।”
भाषा जितेंद्र