ओडिशा विधानसभा के निकट बीजद, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया
सुरेश नरेश
- 23 Sep 2025, 06:35 PM
- Updated: 06:35 PM
भुवनेश्वर, 23 सितंबर (भाषा) ओडिशा में विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) एवं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विधानसभा के निकट प्रदर्शन किया। दोनों दलों का आरोप है कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत सरकार ने त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित पदाधिकारियों के अधिकारों में कटौती की है तथा उर्वरक संकट के निदान के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।
सैकड़ों बीजद कार्यकर्ता यहां महात्मा गांधी मार्ग पर एकत्र हुए और त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित पदाधिकारियों के अधिकारों में कटौती करके अधिकारियों को अत्यधिक शक्ति देने के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए विधानसभा भवन में घुसने का प्रयास किया।
एक अधिकारी ने बताया कि तनाव उस वक्त पैदा हुआ जब प्रदर्शनकारियों ने विधानसभा के पास सुरक्षा के दो बैरिकेड तोड़ दिए और विधानसभा भवन की ओर जाते हुए तीसरे बैरिकेड को हटाने का प्रयास करने लगे।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तीसरे बैरिकेड के पास रोक दिया, जिसके बाद उनके बीच हाथापाई हो गई। अधिकारी ने बताया कि स्थिति सामान्य करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने का प्रयास किया, जिसके कारण उनके बीच झड़प हो गयी। एक संक्षिप्त गतिरोध के बाद स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को उस जगह पहले से खड़े वाहनों में बिठा लिया।
बीजद नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने खंड विकास अधिकारियों (बीडीओ) और इंजीनियरों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाया है, जिससे निर्वाचित पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों की शक्ति कम हो गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि 90 प्रतिशत से अधिक पंचायत पदों पर बीजद नेता या पार्टी समर्थित ग्राम-स्तरीय नेता आसीन थे।
विधानसभा में बीजद के उपनेता प्रसन्ना आचार्य ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार ओडिशा में पंचायती राज व्यवस्था को नष्ट करने पर तुली हुई है। सरकार ने हाल ही में एक फैसले में अधिकारियों की वित्तीय शक्ति बढ़ा दी है, जिससे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की शक्ति कम हो गई है। हम इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।’’
बाद में, प्रदेश कांग्रेस की किसान शाखा ने भी विधानसभा का घेराव करने का प्रयास किया और आरोप लगाया कि सरकार राज्य में उर्वरक संकट के समाधान के लिए कदम नहीं उठा रही है।
किसान कांग्रेस के सदस्य ‘मास्टर कैंटीन’ में एकत्र हुए और विधानसभा की ओर मार्च शुरू किया। पुलिस द्वारा रोके जाने पर, वे विधानसभा परिसर के पास मुख्य सड़क पर धरने पर बैठ गए।
कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने उन्हें कुछ देर बाद वहां से हटा दिया।
ओडिशा किसान कांग्रेस के अध्यक्ष अभय साहू ने आरोप लगाया कि राज्य में उर्वरक वितरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘किसान रात-रात भर उर्वरक डिपो के बाहर कतारों में खड़े रहते हैं, लेकिन उन्हें अपना हिस्सा नहीं मिल पाता। कालाबाज़ारी के कारण उन्हें बहुत अधिक कीमत पर उर्वरक खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है।’’
भाषा सुरेश