23 करोड़ रुपये गंवाने वाले पूर्व बैंक कर्मी को महीने भर से अधिक समय तक ‘बंधक’ बना कर रखा गया था
यासिर नरेश अविनाश
- 23 Sep 2025, 07:20 PM
- Updated: 07:20 PM
नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ के जरिए जीवन भर की अपनी जमा पूंजी गंवा चुके सेवानिवृत्त बैंक कर्मी नरेश मल्होत्रा ने कहा कि साइबर ठगों की बात मानने से इनकार करने और पुलिस के पास जाने की धमकी देने से पहले ही वह अपनी कमाई ठगों के हवाले कर चुके थे।
ठगों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी बनकर 78 वर्षीय व्यक्ति को ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ के तहत एक महीने से अधिक समय तक घर तक सीमित रखा था तथा पीड़ित को सिर्फ बैंकों में जाकर रुपये जमा करने और ठगों तक धन पहुंचाने के लिए ही बाहर जाने दिया गया था।
इस कथित ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ के समाप्त होने तक मल्होत्रा 23 करोड़ रुपये गंवा चुके थे।
मल्होत्रा को एक व्यक्ति ने एक अगस्त को फ़ोन किया और दावा किया कि वह एक मोबाइल कनेक्शन कंपनी का प्रतिनिधि है। फोन करने वाले ने उन्हें बताया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल मुंबई में एक कनेक्शन जारी करने के लिए किया गया है और ये कनेक्शन कथित तौर पर आतंकी वित्तपोषण मामलों से जुड़ा है।
मल्होत्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे इसी मामले में मुंबई पुलिस से बात करनी है।’’
फिर पीड़ित की बात मुंबई पुलिस के फर्जी अधिकारियों से करवाई गई और उन फर्जी अधिकारियों ने ‘व्हाट्सएप’ के जरिए बात करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही मैं पुलिस से जुड़ा उन्होंने मुझ पर यह कहकर दबाव बनाना शुरू कर दिया कि मेरे आधार कार्ड का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों और कई अन्य गंभीर अपराधों के लिए किया गया है।’’
ठगों ने सबसे पहले पीड़ित से उनकी बचत के बारे में पूछा।
उन्होंने बताया, ‘‘मैंने उन्हें बताया कि मेरे पास लगभग 14 लाख रुपये हैं। उन्होंने मुझसे यह रकम अपने खाते में अंतरित करने को कहा और कहा कि यह केवल सत्यापन के लिए है।’’
मल्होत्रा ने बताया कि ठग हर बार पैसे भेजने के बाद उन्हें आरबीआई के जाली सर्टिफिकेट भेजते थे। उन्होंने बताया कि उन्हें बताया जाता था कि पैसा वापस कर दिया जाएगा और आरबीआई का एक नोडल अधिकारी उनसे संपर्क करेगा।
उन्होंने जांच की कि उनके पास म्यूचुअल फंड और अन्य परिसंपत्तियों में कितना पैसा है।
लगातार धमकी के कारण पीड़ित तीन अलग-अलग बैंक में गए जहां अपने निवेश को समाप्त कर दिया और प्राप्त धनराशि को दिए गए खाताओं में अंतरित कर दिया।
भाषा यासिर नरेश