दिल्ली में कुट्टू का आटा खाने से करीब 200 लोग बीमार, सभी को अस्पताल से छुट्टी मिली
अमित नरेश
- 23 Sep 2025, 08:29 PM
- Updated: 08:29 PM
नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में नवरात्र के दौरान कथित तौर पर कुट्टू का आटा खाने से लगभग 200 लोग भोजन विषाक्तता के कारण बीमार पड़ गए। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि जहांगीरपुरी, महेंद्र पार्क, समयपुर, भलस्वा डेयरी, लाल बाग और स्वरूप नगर समेत विभिन्न इलाकों से आए मरीजों को बाबू जगजीवन राम मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया।
पुलिस ने बताया कि कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया।
पुलिस के अनुसार, मंगलवार सुबह लगभग छह बजकर 10 मिनट पर जहांगीरपुरी थाने में उन्हें कई लोगों के बीमार पड़ने की सूचना मिलने लगी, जिन्होंने कथित तौर पर कुट्टू के आटे से बना खाना खाया था।
पुलिस ने बताया, ‘‘टीम को बाबू जगजीवन राम मेमोरियल (बीजेआरएम) अस्पताल भेजा गया, जहां मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सुबह से लगभग 150 से 200 लोग आपातकालीन वार्ड में आ चुके हैं।’’
अधिकारियों ने कहा कि संदिग्ध भोजन विषाक्तता को लेकर इलाके में विशेष रूप से चिंता उत्पन्न हो गई, क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों ने नवरात्र के अवसर पर उपवास रखा था।
पुलिस ने दहशत की स्थिति को रोकने के लिए दुकानदारों, विक्रेताओं और निवासियों को इस मामले के बारे में जागरूक करना शुरू किया।
पुलिस ने बताया कि स्थानीय बाजारों में बिक रहे कुट्टू के आटे की गुणवत्ता की जांच सहित आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए मामले की सूचना खाद्य विभाग को दे दी गई है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम खाद्य विभाग और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहे हैं। जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।’’
जैसे ही यह खबर फैली, कई स्थानीय निवासी जहांगीरपुरी स्थित उस दुकान पर इकट्ठा हो गए जहां से उन्होंने आटा खरीदा था और दुकानदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। जो लोग बीमार पड़े, उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित दुकानदारों की गतिविधियों पर भी कड़ी नज़र रखी जा रही है।
बीजेआरएम अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विशेष यादव ने बताया कि लगभग 200 लोगों को अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में लाया गया था। उन्होंने बताया कि सभी ने उल्टी और दस्त की शिकायत की, लेकिन उनमें से किसी की भी हालत गंभीर नहीं थी।
सीएमओ ने बताया कि मरीजों को प्राथमिक उपचार और दवाइयां दी गईं, जिसके बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग ने जांच के लिए आटे के नमूने एकत्र किए हैं। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद ही जिम्मेदारी तय की जाएगी।
घटना के बाद प्रभावित इलाकों में दहशत फैल गई। लोग कुट्टू का आटा खरीदने से बच रहे हैं, जबकि दुकानदार ग्राहकों को आश्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके उत्पाद सुरक्षित हैं।
नवरात्र व्रत के दौरान, कुट्टू के आटे का उपयोग 'रोटी' और 'पूड़ी' जैसे खाद्य पदार्थ बनाने के लिए किया जाता है।
भाषा अमित