उम्मीद है कि हम इसे 'ठीक' कर सकते हैं: रुबियो ने रूसी तेल खरीद को लेकर भारत के खिलाफ कदमों पर कहा
अमित वैभव
- 23 Sep 2025, 10:14 PM
- Updated: 10:14 PM
(योषिता सिंह)
न्यूयॉर्क, 23 सितंबर (भाषा) अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन को उम्मीद है कि वह रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत के खिलाफ उठाए गए "कदमों" को "ठीक" कर सकता है।
रुबियो ने मंगलवार को एनबीसी टुडे के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "मुझे लगता है कि यूरोप के लिए भी प्रतिबंध लगाना जरूरी है। इस समय, यूरोप में ऐसे देश हैं जो रूस से भारी मात्रा में तेल और प्राकृतिक गैस खरीद रहे हैं, जो बेतुका है। मेरा मतलब है कि वे अमेरिका से और अधिक प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन यूरोप में ऐसे देश भी हैं जो पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तो मुझे लगता है कि उन्हें और अधिक करना चाहिए। हमने भारत के संबंध में जो कदम उठाए हैं, उसे हम पहले ही देख चुके हैं, हालांकि यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में हम उम्मीद करते हैं कि उन्हें ठीक कर सकते हैं। लेकिन राष्ट्रपति के पास और अधिक करने की क्षमता है और स्थिति को देखते हुए वह और अधिक करने पर विचार कर रहे हैं।’’
अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने रूसी तेल की ख़रीद के लिए दिल्ली पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिससे अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया कुल शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। यह दुनिया में सबसे अधिक शुल्क में से एक है।
रुबियो ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन के साथ संघर्ष को जिस दिशा में ले जाया जा रहा है, उस पर ट्रंप पहले ही बार-बार अपनी "गहरी निराशा" जता चुके हैं, यहां तक कि अगस्त में अलास्का में उनके साथ शिखर बैठक के बाद भी यह रुख व्यक्त किया गया था। रुबियो ने कहा, ‘‘उन्हें (ट्रंप को) किसी समय नये प्रतिबंध लगाने का फ़ैसला करना पड़ सकता है।"
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि हमें याद रखना होगा, उन्होंने यह युद्ध शुरू नहीं किया। उन्हें यह विरासत में मिला है और वह बस इसे खत्म करना चाहते हैं। और वह इसके लिए हर संभव प्रयास करेंगे।’’
रुबियो ने यह दावा भी दोहराया कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष को समाप्त कराया।
उन्होंने कहा, ‘‘और देखिए राष्ट्रपति ने क्या किया है और उन्होंने थाईलैंड, कंबोडिया, भारत और पाकिस्तान जैसे कितने ही युद्धों को समाप्त कराया है। न जाने कितनी बार राष्ट्रपति दुनिया के एकमात्र ऐसे नेता रहे हैं जो इसमें शामिल रहे सकते हैं। यह एक बहुत ही शक्तिशाली, प्रभावशाली देश जैसा लगता है जो विश्व मंच पर अधिक मज़बूत और सम्मानित है।’’
भारत यह कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी।
रुबियो ने इससे पहले सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के उच्च-स्तरीय सत्र से इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी।
दोनों नेताओं के बीच मुलाकात लगभग एक घंटे तक चली थी। पिछले कुछ महीनों में व्यापार, शुल्क और भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव के बीच रुबियो और जयशंकर के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात थी।
भाषा अमित