कर्नाटक में कई जगहों पर तकनीकी गड़बड़ियों की खबरों के बीच ‘जाति जनगणना’ जारी
प्रीति वैभव
- 23 Sep 2025, 10:23 PM
- Updated: 10:23 PM
बेंगलुरु, 23 सितंबर (भाषा) कर्नाटक में मंगलवार को कई स्थानों पर तकनीकी गड़बड़ियों और सर्वर संबंधी समस्याओं की खबरों के बावजूद ‘जाति जनगणना’ (सामाजिक एवं शैक्षिक सर्वेक्षण) जारी है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा सोमवार को शुरू किया गया सर्वेक्षण सात अक्टूबर तक जारी रहेगा।
सूत्रों ने बताया कि घर-घर जाकर आंकड़े एकत्र करने वाले गणनाकर्ताओं को कई स्थानों पर सर्वेक्षण के लिए निर्दिष्ट ऐप में तकनीकी गड़बड़ियों का सामना करना पड़ा।
उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर गणनाकर्ताओं को समय पर सर्वेक्षण पुस्तिका नहीं मिलने के कारण देरी हुई, जबकि अन्य स्थानों पर सर्वर में दिक्कत, ओटीपी उपलब्ध न हो पाने और नेटवर्क समस्याओं के चलते सर्वे प्रभावित हुआ।
सूत्रों के अनुसार, शिवमोग्गा, चित्रदुर्ग, रायचूर, यादगिर, गदग और बेंगलुरु दक्षिण जिलों सहित कई स्थानों पर तकनीकी समस्याओं के चलते सर्वेक्षण प्रभावित हुआ। हालांकि, अधिकांश स्थानों पर समस्याएं ठीक किए जाने के बाद सर्वेक्षण पूरा किया गया।
बेलगावी में कुछ गणनाकारों ने प्रदर्शन किया और उनका आरोप था कि उन्हें सर्वेक्षण में लगाया गया जबकि वे दिव्यांग हैं, उनमें कुछ महिलाएं गर्भवती हैं, कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं या सेवानिवृत्ति के करीब हैं।
कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष मधुसूदन आर. नाइक ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार, ‘‘सर्वेक्षण अच्छी तरह जारी रहा।’’
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘सर्वेक्षण की निगरानी प्रशासनिक अधिकारी कर रहे हैं... मैं इसकी दिन-प्रतिदिन निगरानी नहीं करता। यदि कोई परेशानी है तो अधिकारी मेरे संज्ञान में लाएंगे और हम उसका समाधान करेंगे। अब तक की मेरी जानकारी के अनुसार, ऐसी कोई बड़ी परेशानी नहीं है। यदि कोई छोटी-मोटी समस्या है तो उसका समाधान प्रशासनिक अधिकारी करेंगे।”
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से सवाल करते हुए विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा, ‘‘इस तरह की समस्याओं के बीच सर्वेक्षण से कितनी सटीक जानकारी मिल पाएगी?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि “इस सर्वे का कोई लाभ नहीं है। कांग्रेस सरकार का उद्देश्य जनता के कर के सैकड़ों करोड़ रुपये लूटना है।”
भाषा प्रीति