बटला हाउस मुठभेड़ मार्च: जामिया ने पीएचडी छात्र को नोटिस जारी किया
अमित सुरेश
- 23 Sep 2025, 10:34 PM
- Updated: 10:34 PM
(मोहित सैनी)
नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने एक पीएचडी छात्र को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी करके उस पर 19 सितंबर को ‘बटला हाउस मुठभेड़ विरोध मार्च’ के दौरान ‘‘बार-बार गैरकानूनी कृत्य’’ करने और छात्रों को धार्मिक आधार पर भड़काने का आरोप लगाया गया है।
नोटिस पर जामिया प्रशासन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं हो सकी।
चीफ प्रॉक्टर कार्यालय द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि छात्र को "इस मुद्दे की संवेदनशीलता और विशेष रूप से विश्वविद्यालय परिसर के अंदर इस तरह के जमावड़े के संभावित परिणामों से अवगत कराया गया था", लेकिन उसने चेतावनियों को नजरअंदाज किया।
विश्वविद्यालय ने आरोप लगाया कि छात्र ने मार्च का नेतृत्व करने से पहले परिसर की सेंट्रल कैंटीन में एक "भड़काऊ राजनीतिक भाषण" दिया।
छात्र पर "पेशेवर रूप से डिजाइन किए गए और मुद्रित बड़े आकार के पोस्टर लगाने... और सेंट्रल कैंटीन में पर्चे बांटने" का आरोप लगाया गया था। उसे "छात्रों, कर्मचारियों और विश्वविद्यालय की संपत्ति की सुरक्षा के लिए खतरा" भी बताया गया था।
लिखित उत्तर में, छात्र ने विश्वविद्यालय को आरोपों को सबूतों के साथ साबित करने की चुनौती दी। छात्र ने लिखा, ‘‘मैं इस आरोप का पूरी तरह से खंडन करता हूं और प्रॉक्टोरियल बोर्ड से अपील करता हूं कि 19 सितंबर 2025 को मेरे भाषण का कोई ऑडियो या वीडियो सबूत पेश करे, जिसमें मेरे शब्दों ने धार्मिक भावनाओं को भड़काया।’’
छात्र ने इस दावे को खारिज कर दिया कि उसने गेट नंबर-सात से बाहरी लोगों के प्रवेश में मदद की या यातायात बाधित किया। छात्र ने कहा, ‘‘दरअसल, मुख्य सुरक्षा सलाहकार ने ही मुझे गेट नंबर सात के अंदर रहते हुए पकड़ लिया और मुझे परिसर से बाहर दिल्ली पुलिस की ओर धकेल दिया।’’
छात्र ने दलील दी कि यह सभा कक्षा के समय के बाद आयोजित की गई थी और इससे शैक्षणिक गतिविधि बाधित नहीं हुई।
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने आरोप लगाया कि 19 सितंबर को उनके विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाओं समेत लगभग 20 छात्रों को "परिसर से घसीटकर" निकाला गया और "पुलिस के हवाले" कर दिया गया।
डीसीपी (दक्षिण-पूर्व) हेमंत तिवारी ने किसी भी तरह के अत्यधिक बल प्रयोग से इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘‘आइसा कार्यकर्ता गेट नंबर सात से बाहर आए और मार्च करने की कोशिश की... बार-बार अनुरोध के बावजूद, वे मार्च करने पर अड़े रहे। उचित चेतावनी और एहतियात के बाद, उन्हें हिरासत में लिया गया। किसी को भी घसीटा नहीं गया।"
पिछले सप्ताह के छात्र विरोध प्रदर्शन से पहले परिसर में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था। यह विरोध प्रदर्शन बटला हाउस मुठभेड़ की 17वीं बरसी पर आयोजित किया गया था। इस मुठभेड़ में इंडियन मुजाहिदीन के दो कथित आतंकवादी मारे गए थे और उस दौरान गोली लगने से एक पुलिसकर्मी की मृत्यु हो गई थी।
भाषा अमित