कन्हैया लाल के परिवार को न्याय में देरी पर बयान दें मोदी: गहलोत
यासिर वैभव
- 23 Sep 2025, 10:46 PM
- Updated: 10:46 PM
जयपुर, 23 सितंबर (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि 25 सितंबर को राज्य के दौरे पर आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मृतक दर्जी कन्हैया लाल के परिवार को न्याय मिलने में हो रही देरी पर बयान देना चाहिए।
उदयपुर में 2022 में कन्हैया लाल की दुकान के अंदर चाकूधारी दो लोगों ने कथित तौर पर उनकी हत्या कर दी थी। लाल पर आरोप था कि उन्होंने इस्लाम का अपमान किया था।
जयपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गहलोत ने अपना आरोप दोहराया कि मुख्य आरोपी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक रहस्य है कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा जांच किए जाने के बावजूद मामले में कोई उल्लेखनीय प्रगति क्यों नहीं हुई है। प्रधानमंत्री को अपने बांसवाड़ा दौरे के दौरान कन्हैया लाल के परिवार को न्याय में देरी पर बयान देना चाहिए।’’
इस घटना के समय गहलोत मुख्यमंत्री थे और हत्या के कुछ ही घंटों बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था जिसके बाद भी मामला एनआईए को सौंप दिया गया।
उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी, परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और मृतक के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दिए जाने के बावजूद भाजपा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार को बदनाम किया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाब चंद कटारिया (जो अब पंजाब के राज्यपाल हैं) के साथ आरोपियों की तस्वीरें भी दिखाईं और कहा कि आरोपी भाजपा से जुड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी बृहस्पतिवार को बांसवाड़ा में एक परमाणु ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखेंगे और वह एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
गहलोत के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी की राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया ने उन पर ‘राजनीतिक असुरक्षा’ का आरोप लगाया और कहा कि वह एक जिम्मेदार विपक्षी नेता के रूप में अपनी भूमिका निभाने में विफल रहे हैं।
पूनिया ने कहा कि कन्हैया लाल हत्याकांड गहलोत के कार्यकाल में हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘कन्हैया लाल की बार-बार शिकायत के बावजूद पुलिस कार्रवाई करने में विफल रही, जिसके कारण यह क्रूर अपराध हुआ। जनता ने ही आरोपियों को पकड़ा। अब इस मामले की जांच एनआईए कर रही है, जो अपनी न्यायिक प्रक्रिया के तहत काम करती है। इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता।’’
भाषा
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