पुष्कर मेले में 23 करोड़ रुपये का भैंसा और 15 करोड़ रुपये का घोड़ा बने आकर्षण के केंद्र
पृथ्वी खारी
- 28 Oct 2025, 03:48 PM
- Updated: 03:48 PM
(तस्वीरों सहित)
पुष्कर (राजस्थान), 28 अक्टूबर (भाषा) राजस्थान के पुष्कर में आयोजित किए जा रहे वार्षिक पशु मेले में 15 करोड़ रुपये का घोड़ा और 23 करोड़ रुपये का भैंसा लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
पुष्कर का यह मेला भारत के प्रमुख पशु मेलों में से एक माना जाता है जहां पशुपालक न केवल उत्कृष्ट नस्लों के पशु लेकर पहुंचते हैं, बल्कि इनमें से कई पशुओं की कीमत भी रिकॉर्ड तोड़ होती है।
राजस्थान पर्यटन विभाग के अनुसार, आधिकारिक रूप से पुष्कर मेला 30 अक्टूबर से पांच नवंबर तक आयोजित किया जाएगा।
चंडीगढ़ के गैरी गिल की घुड़साल के ढाई साल के घोड़े ‘शाहबाज’ को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है।
गिल ने बताया, ‘‘शाहबाज कई शो जीत चुका है और यह एक प्रतिष्ठित वंश से है। इसकी ‘कवरिंग फीस’ दो लाख रुपये है और हम इसके 15 करोड़ रुपये मांग रहे हैं।’’
‘कवरिंग फीस’ किसी मादा पशु से प्रजनन के लिए नर पशु के मालिक को दी जाने वाली राशि होती है।
उन्होंने बताया कि मारवाड़ी नस्ल के इस घोड़े के लिए उन्हें पहले ही नौ करोड़ रुपये तक के प्रस्ताव मिल चुके हैं।
इस बार पशु मेले का एक और बड़ा आकर्षण 1500 किलोग्राम वजनी भैंसा ‘अनमोल’ है, जिसकी कीमत 23 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
इसके मालिक पलमिंद्र गिल ने कहा कि उन्होंने ‘अनमोल’ को ‘‘राजाओं की तरह पाला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उसे हर दिन दूध, देसी घी और सूखे मेवे खिलाए जाते हैं।’’
इस सूची में उज्जैन का भैंसा ‘राणा’ भी शामिल है, जिसकी कीमत 25 लाख रुपये बताई जा रही है और इसका वजन लगभग 600 किलोग्राम है। कहा जाता है कि यह भैंसा हर दिन करीब 1,500 रुपये की खुराक खाता है, जिसमें बेसन, अंडे, तेल, दूध, घी और लीवर टॉनिक शामिल हैं।
मेले में मौजूद एक अनुभवी मारवाड़ी घोड़े ‘बादल’ के मालिक का दावा है कि वह अब तक 285 प्रजनन करा चुका है और घोड़े की 11 करोड़ रुपये तक की बोली लग चुकी है।
वहीं बगरू (जयपुर) के अभिनव तिवारी इस मेले में विभिन्न नस्लों की 15 से अधिक गायें लेकर आए हैं, जिनमें से एक गाय का कद मात्र 16 इंच है। इसे मेले की सबसे छोटी गायों में से एक माना जा रहा है।
अजमेर ग्रामीण के पुलिस उपाधीक्षक रामचंद्र चौधरी ने बताया कि इस साल पुष्कर मेले में पिछले वर्षों की तुलना में अधिक पुलिस बल तैनात किया गया है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के उपाय भी किए गए हैं।
चौधरी ने बताया, ‘‘मेले के दौरान 2,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात हैं। सभी अधिकारियों को पूरी जानकारी दे दी गई है ताकि दर्शकों को कोई असुविधा न हो।’’
मेला सात नवंबर तक जारी रहेगा। अब तक 4,300 से अधिक पशुओं का पंजीकरण हो चुका है, जिनमें 3,028 घोड़े और 1,306 ऊंट शामिल हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि पशुपालन विभाग ने व्यापार के लिए आने वाले हजारों पशुओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुष्कर मेले में निगरानी बढ़ा दी है।
विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील घिया ने बताया कि व्यापारियों और चरवाहों द्वारा मेले में पशुओं को लाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रास्तों पर विशेष चौकियां स्थापित की गई हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक पशु का पंजीकरण किया जाएगा, पशु चिकित्सकों द्वारा जांच की जाएगी और प्रवेश से पहले टैग लगाए जाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि ऐसी सावधानियां जरूरी हैं क्योंकि पशुओं के समूह से संक्रामक रोग फैलने का खतरा अधिक रहता है।
घिया ने बताया, ‘‘विभाग ने मेला स्थल पर 24 घंटे पशु चिकित्सा दल और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है।’’
उन्होंने बताया कि पशुधन प्रबंधन में पारदर्शिता और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए पशु, विशेष रूप से ऊंटों, गायों, भैंसों और घोड़ों के अभिलेखों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है।
मेला स्थल पर्यटकों और व्यापारियों से गुलजार है। एक अधिकारी ने बताया कि यहां पशुधन व्यापार, सर्वश्रेष्ठ दुग्ध उत्पादक, सर्वश्रेष्ठ अश्व नस्ल, और सर्वश्रेष्ठ साज-सज्जा वाला ऊंट जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।
भाषा पृथ्वी