दिल्ली तेजाब हमले के मामले में आरोपी बनाए गए शख्स ने कहा, ‘‘मुझे गलत तरह से फंसाया गया’’
वैभव मनीषा
- 29 Oct 2025, 03:59 PM
- Updated: 03:59 PM
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय की 20 वर्षीय छात्रा पर कथित तेजाब हमले के मुख्य आरोपी के रूप में शुरू में जिस व्यक्ति का नाम आया था, उसने खुद को निर्दोष बताते हुए दावा किया है कि उसे गलत तरीके से फंसाया गया था।
अब यह घटना पीड़िता के परिवार द्वारा उस शख्स को फंसाने के लिए रची गई नजर आ रही है।
इस मामले में पहले आरोपी बनाए गए जितेंद्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मुझे इस मामले में गलत तरह से फंसाया गया था। पूरी घटना को मुझे फंसाने की साजिश के तहत अंजाम दिया गया था।’’
वह रविवार को उत्तर-पश्चिम दिल्ली के अशोक विहार इलाके में हुए कथित तेजाब हमले के मामले में आरोपी था। बाद में दिल्ली पुलिस ने कहा कि जितेंद्र कथित हमले में शामिल नहीं था।
जितेंद्र ने दावा किया कि घटना के समय वह घटनास्थल पर मौजूद भी नहीं था।
जितेंद्र ने कहा, ‘‘मैं उस दिन करोल बाग में काम कर रहा था और शाम करीब 7.30 बजे मुझे पुलिस का फोन आया और मुझे मामले की जानकारी दी गई।’’
मंगलवार को, दिल्ली पुलिस ने कहा कि उनकी जांच से पता चला है कि छात्रा के पिता अकील खान ने उसके चाचा और भाई के साथ मिलकर जितेंद्र और उसके परिवार को गलत तरह से फंसाने के लिए हमले की साजिश रची थी, जिन्होंने पहले खान के खिलाफ बलात्कार और तेजाब हमले की शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस के अनुसार, खान ने अशोक विहार के पास अपनी बेटी के हाथ और बैग पर एक रसायन डाला और जांचकर्ताओं को गुमराह करने के लिए मोटरसाइकिल पर भाग गया। उसे जितेंद्र की पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए बलात्कार के एक मामले में सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
जितेंद्र ने कहा कि उसकी पत्नी ने पहले खान पर यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल का आरोप लगाया था। उसने कहा, ‘‘मेरी पत्नी ने पहले शिकायत की थी कि वह उसे ब्लैकमेल कर रहा है। वह उसे बार-बार फोन कर रहा था और उसे कुछ वीडियो और अन्य फुटेज भेज रहा था। मैंने खुद कभी वे वीडियो नहीं देखे।’’
उसने 2021 में दोनों परिवारों के बीच हुए एक झगड़े के बारे में भी बताया। जितेंद्र ने कहा, ‘‘29 सितंबर, 2021 को मेरी पत्नी और उसकी पत्नी व बेटी के बीच हाथापाई हुई थी। मैंने केवल अपनी पत्नी की मदद के लिए हस्तक्षेप किया था। उस दौरान, उसका भाई भी आया और मुझसे लड़ने लगा। हमने रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन बाद में पुलिस ने हमारा समझौता कराया क्योंकि हम कोई झगड़ा नहीं चाहते थे।’’
उसने आरोप लगाया कि समझौते के बावजूद उत्पीड़न बंद नहीं हुआ। उसने दावा किया, ‘‘मेरी पत्नी ने बाद में मुझे बताया कि उन्होंने मुझे जान से मारने की धमकी भी दी थी।’’
दिल्ली पुलिस ने बाद में स्पष्ट किया कि जितेंद्र कथित हमले में शामिल नहीं था। पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) भीष्म सिंह ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और लोकेशन की जानकारी से पुष्टि हुई है कि घटना के समय जितेंद्र करोल बाग में अपने कार्यस्थल पर था।
जितेंद्र ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस ने पूरी जांच की है। उन्होंने हर चीज की पुष्टि की और मेरे कार्यस्थल के गवाहों के बयान दर्ज किए। इसके बाद, उन्होंने मुझे क्लीन चिट दे दी। मुझे दिल्ली पुलिस पर पूरा भरोसा है और मुझे विश्वास है कि न्याय होगा।’’
पुलिस ने कहा कि मामले की आगे की जांच जारी है।
भाषा वैभव